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Varanasi: काशी विश्वनाथ धाम में आध्यात्मिकता और आधुनिकता का संगम, भक्त सुनेंगे बाबा की अलौकिक कहानी, 13 दिसंबर को पीएम मोदी करेंगे उद्धघाटन

Varanasi: 13 दिसंबर को वाराणसी के श्रीकाशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद अपने संसद क्षेत्र में इस धाम का लोकापर्ण करेंगे। वहीं गंगधार से लेकर बाबा दरबार तक पूरा धाम अपनी अनेक खूबियों के लिए इन दिनों खास चर्चा में भी बना हुआ है।

नई दिल्ली। काशी विश्वनाथ इन दिनों खास सुर्खियों में बना हुआ है। गंगधार से लेकर बाबा दरबार तक पूरा धाम इन दिनों लोगों के लिए चर्चा का विषय बना हुआ है। मंदिर की अनेक खूबियां इन दिनों लोगों की जुबां पर है, और हो भी क्यों न मंदिर के निर्माण में हर चीज का खास ख्याल रखा गया है। बाबा के भक्तों की सुविधा से लेकर उनकी भक्ति का ध्यान रखते हुए इस धाम का निर्माण किया गया है जिसक लोकार्पण पीएम मोदी 13 दिसंबर को करने वाले हैं। यूं तो मंदिर में कई तरह की चीजों का इस्तेमाल किया गया है, जो इसे खास बनाती है, लेकिन जो सबसे अलग है वो है बाबा के गले में मंदिरों की मणिमाला के पत्थर। जो इसे बेहद खास बनाते है मणिमाला के यह पत्थर इस तरह के हैं जो खुद शिव और काशी की पूरी कहानी सुनाएंगे।

दरअसल भक्तों कि परिक्रमा पथ से सटाकर नक्काशीदार पत्थरों से सुशोभित एक गलियारे का निर्माण भी किया गया है, जो मंदिर के गर्भगृह के बाहर है। इस गलियारे को मणिमाला का नाम दिया गया है। यह मणिमाला बाबा विश्वनाथ के गले में सुशोभित है। यह तस्वीर भक्तों को ऊपर की तरफ से देखने पर ही नज़र आ पाएगी। इस नजारें में भक्त देख पाएंगे की किस तरह बाबा यह मणिमाला अपने गले में धारण किए हुए हैं।

बेहद खास है यह मणिमाला

बता दें कि बाबा के गले में सुशोभित यह मणिमाला कोई आम माला नहीं है। बेहद ही खास और तराशे गए नक्काकशीदार पत्थरों से बनाई गई है। जो सुंदरता को काफी बढ़ा रही है, इस मणिमाला में अष्ट भैरव, 56 विनायक और 64 योगिनियों तक के दर्शन और उनका प्रसंग सहेजकर रखा गया है, और यह माला बाबा के गले में सजाई गई है।

गलियारे में होगी बाबा से मिलने की अनुभूति

बता दें कि गर्भगृह से सटाकर बनाए गए गलियारे में उन सभी देवी-देवताओं की प्रतिमा स्थापित की जाएगी, जो विश्वनाथ धाम के निर्माण में अधिग्रहित किए गए भवनों के अंदर से मिले थे। बताया गया है कि इस मंदिर की दीवार पर संगममर के 42 पैनल लगाए जाएंगे। मंदिर की इस जगह को चौक का नाम दिया गया है।

मंदिर में गुंजेगी शिव काशी की कहानी

इस मंदिर में 20 पिक्टोरियल यानी चित्रात्मक पैनल भी लगाए जाएंगे, जिनके जरिए शिव काशी की कहानी बताई जाएगी। किस तरह शिव काशी आए इसकी कहानी भी इन पैनलों पर प्रस्तूत होगी। इसके साथा ही ढुंढिराज गणेश ने किस तरह बाबा की स्तुति की इसकी गाथा भी यहां भक्त देख सकेंगे। इसके साथ ही शास्त्र पुराण के पन्नों के मुताबिक उन कहानियों का भी जिक्र किया गया है, जहां मां पार्वती के साथ कैलाश वास और मोक्षनगरी काशी में किस तरह भगवान शिव तारक मंत्र के जरीए जन्म मृत्यु के बंधन से मुक्ति दिलाते हैं।

गलियारे में सुन पाएंगे बाबा की महिमा

इस मंदिर क निर्माण में कई तरह की खासित है, जिनमें एक खासियत यह भी है कि गलियारे में भगवान की कहानी खुद ब खुद गुंजेगी। ऐसा नहीं की वहां वह कहानियां हमेशा चलती रहेगी, बल्कि जैसे ही गर्भगृह से निकलकर गलियारे में कदम रखेंगे तब काशी की महिमा खुद ब खुद गुनगुनाने लगेंगी।