नई दिल्ली। CBI स्पेशल कोर्ट ने लालू यादव समेत 75 आरोपियों को झटका देते हुए दोषी करार दिया है। विशेष न्यायाधीश एसके शशि ने मामले में छह महिलाओं समेत 24 आरोपियों को सबूत न होने के चलते बरी कर दिया है। कोर्ट की तरफ से 34 आरोपियों को तीन-तीन साल की सजा सुनाई गई है। अब लालू प्रसाद यादव समेत 41 आरोपियों की सजा पर 21 फरवरी को फैसला आएगा। यहां याद हो कि करोड़ों रुपयों के चारा घोटाले से जुड़े पांच में से चार मामलों में लालू यादव पहले ही दोषी करार दिए जा चुका है।
ये मामला साल 1990 से 1992 का है और कोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने चारा घोटाले की जांच की थी। सीबीआई की जांच ने अफसरों और नेताओं के गठजोड़ से फर्जीवाड़ा करने की नई कहानी लिखी थी। फर्जीवाड़ा कर ट्रेजरी से रकम निकालने वालों ने हरियाणा और दिल्ली से सांड और भैंस खरीदने की बात सरकारी दस्तावेजों में दिखाई थी। जिन गाड़ियों से इनको ढोया गया, उनके बारे में सीबीआई ने जांच की, तो पता चला कि वे सभी बाइक और स्कूटर थे। जांच में ये भी पाया गया कि टनों चारा, मकई, बादाम, खली और नमक वगैरा ढोने के लिए जिन गाड़ियों का नंबर दिया गया था, वे भी टू व्हीलर थे। सीबीआई की कोलकाता यूनिट को इस जांच का जिम्मा मिला था और उसने लालू और पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्र समेत 99 लोगों को आरोपी बनाया था।
जांच से पता चला था कि बिहार में फर्जीवाड़ा इतना जबरदस्त किया गया कि 235000 में 50 सांड, 14 लाख से अधिक की रकम से 163 सांड और बछिया खरीदे गए। इसके अलावा 84 लाख से हरियाणा की मुर्रा भैंसें खरीदी गईं। सारा भुगतान दिल्ली के विजय मलिक ने का था। एक और आरोपी संदीप मलिक पर 27 लाख 48 हजार रुपए में भेड़ और बकरी खरीदने का आरोप लगा। सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में कहा था कि चारा घोटाले में बिहार के नेता, कर्मचारी और व्यापारी सब भागीदार थे। लालू और जगन्नाथ मिश्र समेत कई मंत्री भी गिरफ्तार किए गए थे। लालू एक बार चारा घोटाले के एक और मामले में जेल होकर आए हैं। बीते दिनों ही उन्हें जमानत मिली थी।
Fodder scam: RJD chief Lalu Prasad Yadav convicted of fraudulent withdrawal from Doranda treasury by a CBI Special Court in Ranchi pic.twitter.com/J9AvvhmOjk
— ANI (@ANI) February 15, 2022