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UP Election 2022: कर्म के साथ धर्म, यूपी चुनाव जीतने के लिए बीजेपी ने खेल दिए हैं तुरुप के पत्ते

UP Election 2022: काशी में पीएम नरेंद्र मोदी के सौजन्य से काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर बनकर तैयार है। 13 दिसंबर को पीएम मोदी इसका उद्घाटन करने वाले हैं। इस कॉरिडोर से काशी विश्वनाथ मंदिर को भव्य स्वरूप मिला है।

लखनऊ। कर्म और धर्म। ये हैं यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी के तुरुप के पत्ते यानी ट्रंप कार्ड। एक तरफ योगी और मोदी सरकार की ओर से सबके विकास के लिए किए जा रहे कर्म यानी योजनाओं को लागू करने का है। दूसरी तरफ डिप्टी सीएम केशव मौर्य हैं। जिन्होंने मथुरा के मंदिर को लेकर ट्वीट कर पार्टी की पुरानी लाइन को फिर जिंदा कर दिया है। योगी और मोदी की सरकारों ने बीते 5 साल में यूपी को काफी कुछ दिया है। यूपी में जगह-जगह विकास की योजनाएं धरती पर उतरी हैं। चाहे एक्सप्रेस-वे हो या स्कूल। या फिर गरीबों को कोरोना काल में मुफ्त अनाज और पीएम आवास। पूरब से पश्चिम और अवध से लेकर बुंदेलखंड तक योजनाओं का खाका सिर्फ खींचा ही नहीं गया, योगी और मोदी सरकार ने इन्हें लागू भी कराया और समाज के हर तबके को इन योजनाओं का हक दिया। सबका साथ के मंत्र को लागू कराने में किसी तरह कोताही नहीं बरती गई। बुंदेलखंड में पेयजल की समस्या गंभीर थी। वहां हर घर नल से जल की योजना को लागू कर लोगों की प्यास बुझाने का काम बीजेपी ने किया है।

PM Modi and CM Yogi

कर्म की बात हो गई। अब बात करते हैं धर्म की। 80 के दशक में बीजेपी ने अयोध्या के राम मंदिर आंदोलन को अपनी राजनीति का हिस्सा बनाया था। राम मंदिर अब बन रहा है और भव्य तरीके से बन रहा है। बचा है काशी और मथुरा का मुद्दा। काशी में पीएम नरेंद्र मोदी के सौजन्य से काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर बनकर तैयार है। 13 दिसंबर को पीएम मोदी इसका उद्घाटन करने वाले हैं। इस कॉरिडोर से काशी विश्वनाथ मंदिर को भव्य स्वरूप मिला है।

धर्म के इस तुरुप के पत्ते को अब यूपी के डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने बुधवार को किए अपने ट्वीट में चल दिया है। उन्होंने अयोध्या और काशी के साथ मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि के उद्धार की बात लिखी है। इस मुद्दे पर कोर्ट में करीब 9 लोगों ने अर्जी डाल रखी है। विश्व हिन्दू परिषद के एजेंडे में काशी और मथुरा भी पहले से रहे हैं और वीएचपी के अध्यक्ष रहे अशोक सिंहल के मानस पुत्र के तौर पर केशव मौर्य की पहचान है। बहरहाल, ये तय है कि यूपी में अगले करीब दो महीने बाद होने जा रहे विधानसभा चुनाव में बीजेपी कर्म और धर्म को सामने रखकर ही मैदान में उतरने जा रही है।