newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Himachal Political Crisis: हिमाचल की कांग्रेस सरकार पर संकट बढ़ा, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के बेटे विक्रमादित्य का सुखविंदर सुक्खू कैबिनेट के मंत्री पद से इस्तीफा

Himachal Political Crisis: हिमाचल प्रदेश में जब पिछले चुनाव हुए और कांग्रेस की सत्ता में वापसी हुई, तो माना जा रहा था कि विक्रमादित्य सिंह की मां और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह को सीएम बनाया जाएगा। लेकिन कांग्रेस आलाकमान ने सुखविंदर सिंह सुक्खू को राज्य का सीएम बना दिया था।

कांग्रेस के विक्रमादित्य सिंह

शिमला। हिमाचल प्रदेश कांग्रेस में आया उबाल थमता नहीं दिख रहा। इसकी वजह से सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। ताजा घटनाक्रम में सुक्खू सरकार में मंत्री और हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने पद से इस्तीफा दे दिया है। इससे सुक्खू सरकार पर संकट और बढ़ा है। मंत्रीपद से इस्तीफा देने के बाद विक्रमादित्य सिंह ने मीडिया को संबोधित किया। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि हिमाचल विधानसभा के चुनाव में 6 बार सीएम रहे उनके पिता स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के नाम का इस्तेमाल किया गया।

विक्रमादित्य सिंह ने आगे कहा कि ये हकीकत है और रिकॉर्ड में है। कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य ने कहा कि सभी के सहयोग से हिमाचल में कांग्रेस की सरकार बनी। उन्होंने कहा कि एक साल इस सरकार को हो गए। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि उन्होंने अब तक कभी भी सरकार के कामकाज के तौर-तरीकों पर कुछ नहीं कहा, लेकिन आज वक्त आ गया है कि उनको कहना पड़ रहा है। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि उन्होंने हमेशा माना कि पद महत्वपूर्ण नहीं है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की जनता से संबंध ही सबसे अहम हैं। इसके अलावा उन्होंने सुक्खू सरकार पर किस तरह निशाना साधा, ये सुनिए।

बता दें कि वीरभद्र सिंह हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार किए जाते हैं। हिमाचल प्रदेश में जब पिछले चुनाव हुए और कांग्रेस की सत्ता में वापसी हुई, तो माना जा रहा था कि विक्रमादित्य सिंह की मां और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह को सीएम बनाया जाएगा। सीएम पद हासिल करने के लिए प्रतिभा सिंह और विक्रमादित्य ने खूब जोर भी लगाया था, लेकिन कांग्रेस आलाकमान ने सुखविंदर सिंह सुक्खू को सीएम बना दिया। अब जबकि सुक्खू के खिलाफ माहौल बना है, तो विक्रमादित्य ने भी मंत्री पद छोड़कर दबाव को ताजा रुख दे दिया है। खास बात ये भी है कि विक्रमादित्य सिंह ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में भी ये कहकर हिस्सा लिया था कि बतौर सनातनी ये उनकी जिम्मेदारी बनती है।