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Parliament Monsoon Session: लोकसभा में वक्फ कानून संशोधन बिल हुआ पेश, विपक्ष ने लगाया संविधान पर हमला करने का आरोप

Parliament Monsoon Session: समाजवादी पार्टी के रामपुर सांसद मोहिबुल्लाह नदवी ने बिल के प्रावधानों पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसमें कलेक्टर को कई अधिकार दिए जा रहे हैं, जो उनके अनुसार मजहबी मामलों में दखलंदाजी है। उन्होंने उदाहरण के तौर पर मक्का का वक्फ बोर्ड दिया और पूछा, “क्या हम वहां भी हिंदू भाईयों को बोर्ड में शामिल करने की बात करेंगे?”

नई दिल्ली। लोकसभा में आज वक्फ कानून में संशोधन से संबंधित बिल पेश किया गया, जिसे लेकर संसद में जमकर हंगामा हुआ। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने यह बिल पेश किया, जिसके बाद सदन में तीखी बहस और विरोध देखने को मिला। डीएमके सांसद कनिमोझी ने बिल को संविधान और मानवता के खिलाफ करार दिया। उन्होंने कहा कि यह बिल संविधान की सुप्रीमसी और अनुच्छेद 25 तथा 26 का उल्लंघन करता है। उनका आरोप है कि यह बिल गैर-मुस्लिमों को वक्फ बोर्ड में शामिल होने का प्रावधान करता है, जो संविधान के अनुच्छेद 30 का सीधा उल्लंघन है। उन्होंने कहा, “यह बिल एक विशेष धार्मिक समूह को लक्षित करता है और संघीय ढांचे के खिलाफ है। यह संविधान को कमजोर करने की कोशिश है।”


टीएमसी सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने भी इस बिल पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यह बिल संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करता है और कई मुस्लिम मौलवियों ने इस पर चिंता जताई है। समाजवादी पार्टी के रामपुर सांसद मोहिबुल्लाह नदवी ने बिल के प्रावधानों पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसमें कलेक्टर को कई अधिकार दिए जा रहे हैं, जो उनके अनुसार मजहबी मामलों में दखलंदाजी है। उन्होंने उदाहरण के तौर पर मक्का का वक्फ बोर्ड दिया और पूछा, “क्या हम वहां भी हिंदू भाईयों को बोर्ड में शामिल करने की बात करेंगे?”

कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने भी बिल की आलोचना की और इसे संविधान पर हमला करार दिया। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या अयोध्या मंदिर बोर्ड में गैर-हिंदू सदस्य शामिल हो सकते हैं। उनका कहना था, “इस बिल के जरिए धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार पर हमला किया जा रहा है। यह बिल सरकार के राजनीतिक एजेंडे का हिस्सा है और इसका उद्देश्य आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए वोट बैंक को प्रभावित करना है।” सदन में इस मुद्दे पर भारी हंगामा देखने को मिला। स्पीकर ओम बिरला ने सदस्यों से शांत रहने की अपील की और आश्वासन दिया कि सभी को बोलने का मौका दिया जाएगा।