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Sangol Movie: नए संसद भवन के राजदंड संगोल के बारे में जानना चाहते हैं? ये फिल्म देख लीजिये सब जानकारी मिल जाएगी

Sangol Movie: अमित शाह ने कहा कि भारतीय परंपरा का हिंसा रहे सेंगोल को म्यूजियम में रखना कोई अच्छी बात नहीं है। संगोल को आजादी का प्रतीक माना जाता है, इसका न सिर्फ देश की आजादी बल्कि चोल सम्राज्य से भी बेहद खास रिश्ता रहा है। चोल साम्राज्य 100 एडी से लेकर 250 एडी और बाद में 700 एडी से लेकर 950 एडी तक दक्षिण भारत के एक एरिया पर शासन करता रहा।

नई दिल्ली। नए संसद भवन का प्रधानमंत्री मोदी उद्घाटन करने वाले हैं, इससे पहले विपक्षी दलों ने हंगामा करना भी शुरू कर दिया है। कई लोग ये सवाल भी कर रहे हैं कि आखिर पीएम मोदी ही क्यों नए संसद भवन का उद्घाटन करें, जबकि ये काम तो राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को करना चाहिए था। इसके साथ ही असदुद्दीन ओवैसी ने भी पीएम मोदी द्वारा उद्घाटन किए जाने का विरोध किया है, ओवैसी ने लोकसभा अध्यक्ष द्वारा इसका उद्घाटन कराए जाने की बात कही। लेकिन इस बीच एक चीज को लेकर खूब चर्चा हो रही है।

वो है राजदंड, तमिलनाडु और भारतीय संस्कृति में सत्ता के हस्तांतरण का प्रतीक माना जाने वाला सेंगोल। सेंगोल के बारे में बात करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बताया कि नई संसद के उद्घाटन के मौके पर ऐतिहासिक परंपरा पुनर्जीवित होगी। इसके पीछे युगों से जुड़ी परंपरा है। इसे तमिल में संगोल भी कहा जाता है। इस बीच बीजेपी ने एक फिल्म भी दिखाई जिसमें उन्होंने पंडित नेहरू का विचार-मंथन और पवित्र ‘सेंगोल’ के बारे में चर्चा की। क्या है संगोल को लेकर फिल्म की कहानी आइए देखते हैं इस वीडियो में-

संगोल को लेकर लगातार लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर संगोल है क्या, क्यों इसको अचानक बीजेपी इतना महत्व दे रही है। तो इसके बारे में बात करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि भारतीय परंपरा का हिंसा रहे सेंगोल को म्यूजियम में रखना कोई अच्छी बात नहीं है। संगोल को आजादी का प्रतीक माना जाता है, इसका न सिर्फ देश की आजादी बल्कि चोल सम्राज्य से भी बेहद खास रिश्ता रहा है। चोल साम्राज्य 100 एडी से लेकर 250 एडी और बाद में 700 एडी से लेकर 950 एडी तक दक्षिण भारत के एक एरिया पर शासन करता रहा। अगर बात करें चोल सम्राज्य के कुछ महान शासकों की तो राजेंद्र चोल और राजराज चोल मशहूर चोल सम्राट के रूप में पहचाने गए। दक्षिण भारत के इसी परमप्रतापी चोल साम्राज्य में परंपरा रही है कि जब सत्ता का है हस्तांतरण एक उत्तरधिकारी से दूसरे उत्तरधिकारी को किया जाता था तब इसको हस्तांतरण के प्रतीक के रूप में दिया जाता था।