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Congress Vs TMC: विपक्षी दलों की एकता के लिए होने वाली बैठक से पहले ही कांग्रेस और टीएमसी गुत्थमगुत्था! देखिए Video और पढ़िए बयान

विपक्षी दलों की 23 जून को होने वाली अहम बैठक से पहले ही कांग्रेस और ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में रार मच गई है। दोनों पार्टियों के नेता सिर्फ बयानबाजी ही नहीं कर रहे हैं, टीवी चैनलों पर कांग्रेस और टीएमसी के नेताओं के बीच तू-तू, मैं-मैं भी होती दिख रही है। इससे विपक्षी एकता पर सवाल उठ रहे हैं।

नई दिल्ली। बिहार की राजधानी पटना में 23 जून को विपक्षी दलों की बैठक होने वाली है। कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी से लेकर ममता बनर्जी और अन्य नेता विपक्षी दलों की बैठक में शामिल होने वाले हैं। आरजेडी के नेता और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा है कि विपक्षी दलों की बैठक में 15 पार्टियों के नेता आएंगे। उन्होंने ये भी दावा किया कि 2024 में सभी विपक्षी दल एकजुट होकर मोदी सरकार को लोकसभा चुनाव में हराएंगे। ऐसा ही दावा तमाम और विपक्षी नेताओं ने भी किया है। वहीं, विपक्षी दलों की 23 जून को होने वाली अहम बैठक से पहले ही कांग्रेस और ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में रार मच गई है।

congress and tmc flag

बीते दिनों ममता बनर्जी की टीएमसी ने पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के एकमात्र विधायक बायरन विश्वास को तोड़ लिया था। इससे लोकसभा में नेता विपक्ष अधीर रंजन चौधरी भड़क गए थे। अब कांग्रेस और टीएमसी के बीच का टकराव टीवी चैनलों पर भी सार्वजनिक होने लगा है। यूपी कांग्रेस के नेता और प्रियंका गांधी वाड्रा के करीबी कहे जाने वाले आचार्य प्रमोद कृष्णम शुक्रवार को एक न्यूज चैनल की डिबेट में टीएमसी के प्रवक्ता पर भड़क गए। देखिए ये वीडियो।

आचार्य प्रमोद कृष्णम ने ये भी साफ कह दिया कि भले ही गणित के हिसाब से विपक्षी दल कह रहे हैं कि लोकसभा चुनाव में वो एक सीट-एक उम्मीदवार के सहारे मोदी को हरा देंगे। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने ये भी बताया कि विपक्षी दलों के इस दावे में आखिर दम क्यों नहीं है और क्या दिक्कत सामने आने वाली है।

अब चलते हैं पश्चिम बंगाल। यहां पंचायत चुनावों का एलान हो चुका है। जिसमें नामांकन के लिए कम दिन का आरोप लगाते हुए कांग्रेस और बीजेपी ने कोलकाता हाईकोर्ट का रुख किया है। वहीं, कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने पंचायत चुनाव के दौरान केंद्रीय बल न लगाए जाने पर ममता बनर्जी के खिलाफ बयान दिया है। अधीर रंजन चौधरी ने ये भी कहा कि 2018 के पंचायत चुनाव कांग्रेस को याद हैं। उस वक्त डर की वजह से बंगाल के 34 फीसदी वोटर मतदान नहीं कर सके थे। टीएमसी ने विपक्षी दलों के नामांकन नहीं होने दिए थे। जिसकी वजह से 20000 सीटें ममता की पार्टी जीती थी। अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि 2018 के पंचायत चुनाव में 60-70 लोगों की हत्या भी हुई थी। अब जिस तरह कांग्रेस और टीएमसी के बीच ये जंग चल रही है, उससे लोकसभा चुनाव के दौरान विपक्ष की एकता अभी से डांवाडोल होती दिख रही है। अब देखना ये है कि 23 जून को पटना में होने जा रही विपक्ष की अहम बैठक में कांग्रेस और टीएमसी समेत बाकी दलों की पटरी बैठती है या नहीं।

mamata banerjee and adheer ranjan chaudhury
टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी और कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी।