
मुंबई। महाराष्ट्र की सियासत अब बड़े प्रोजेक्ट्स के मसले पर गरमाई हुई है। पहले फॉक्सकॉन का प्रोजेक्ट गुजरात गया। अब एयरबस-टाटा का विमान बनाने का प्रोजेक्ट भी गुजरात जाने से सत्तारूढ़ शिंदे गुट और शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। इस कड़ी में सोमवार को महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और बीजेपी के नेता देवेंद्र फडणवीस और उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे के बीच बयानों की तेज जंग चली। फडणवीस ने जहां बड़े प्रोजेक्टस गुजरात जाने के मसले को पहले की महाविकास अघाड़ी सरकार की नाकामी बताया। वहीं, आदित्य ठाकरे ने उनको आरोप साबित करने की चुनौती दी।
सगळा घटनाक्रम ऐका!?
“2021 मध्येच टाटा एअरबस प्रकल्प महाराष्ट्राबाहेर गेला.”
-उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस
(आम्ही नागपुरात आणायचा प्रयत्न करत होतो म्हणून कदाचित मविआ ने तो प्रकल्प जाऊ दिला) pic.twitter.com/hJyExmelW5
— पवन/Pawan ?? (@ThePawanUpdates) October 31, 2022
फडणवीस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि फॉक्सकॉन का प्रोजेक्ट महाराष्ट्र में नहीं लगेगा, ये बात तो महाविकास अघाड़ी सरकार के उद्योग मंत्री ने ही खुद कह दिया था। बात एयरबस-टाटा के प्रोजेक्ट की करें, तो इसके लिए मैंने नेता विपक्ष रहते हुए कोशिश की। उन्होंने कहा कि टाटा के अफसरों से मिलने पर उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में अभी (महाविकास अघाड़ी सरकार के रहते) निवेश का माहौल नहीं है। इसी वजह से प्रोजेक्ट को गुजरात ले जाने का फैसला किया गया है। फडणवीस ने आरोप लगाया कि मैंने सरकार में न रहने के बाद भी पूरी कोशिश की, लेकिन अघाड़ी सरकार (तब सीएम उद्धव ठाकरे थे) ने प्रोजेक्ट को हाथ से जाने दिया।
देवेंद्र फडणवीस के इस आरोप के बाद उद्धव के बेटे आदित्य ने मोर्चा संभाला। आदित्य ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और फडणवीस से आरोपों के सबूत देने को कहा। आदित्य ठाकरे ने टाटा के उस अफसर का नाम बताने के लिए कहा, जिसने महाराष्ट्र में निवेश का माहौल न होने की बात कथित तौर पर कही थी। आदित्य ने कहा कि वेदांत-फॉक्सकॉन के अफसरों और अघाड़ी सरकार के अफसरों के बीच कई बार बैठक हुई। इन बैठकों की तारीख भी उन्होंने बताई। इसके अलावा उन्होंने कहा कि फॉक्सकॉन के चेयरमैन ने इस साल 24 जून को अफसरों के साथ तालेगांव का दौरा किया था। वहां 1.49 लाख करोड़ का सेमीकंडक्टर प्लांट लगने वाला था। तब कंपनी ने इसे परियोजना के लिए आदर्श जगह भी बताया था। आदित्य ने पूछा कि अगर गुजरात में प्लांट लगाने का फैसला कर लिया था, तो वेदांत-फॉक्सकॉन के अफसर हमारे साथ वक्त क्यों बर्बाद करते?