फारूक अब्दुल्ला ने पाकिस्तान को सुनाई खरी-खरी, कहा- हम किसी की हाथों की कठपुतली नहीं है
पाकिस्तान को जम्मू-कश्मीर (Jammu & Kashmir) के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के राष्ट्रीय अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला (National Conference President Farooq Abdullah) ने जमकर खरी-खरी सुनाई है।
नई दिल्ली। पाकिस्तान को जम्मू-कश्मीर (Jammu & Kashmir) के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के राष्ट्रीय अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला (National Conference President Farooq Abdullah) ने जमकर खरी-खरी सुनाई है। फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि वे न तो नई दिल्ली (New Delhi) और न ही बॉर्डर पार मौजूद मुल्क की कठपुतली है। फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि वे जम्मू-कश्मीर के लोगों के प्रति उत्तरदायी हैं और उन्हीं के लिए काम करेंगे।
दरअसल पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (Pakistan Foreign Minister Shah Mehmood Qureshi) ने हाल ही में एक बयान दिया था कि नेशनल कॉन्फ्रेंस (National Conference), पीडीपी (PDP), कांग्रेस (Congress) तथा तीन अन्य दलों ने जो घोषणापत्र जारी किया है वह, ‘‘कोई सामान्य घटना नहीं है, बल्कि अहम घटनाक्रम है।’’ पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने इसी पर प्रतिक्रिया देते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा,‘‘ मैं यह स्पष्ट कर दूं कि हम किसी के हाथों की कठपुतली नहीं हैं, न तो नई दिल्ली के और न ही सीमा पार किसी के, हम जम्मू-कश्मीर की जनता के प्रति जवाबदेह हैं और उनके लिए काम करेंगे।’’
गुपकार घोषणा पर पाकिस्तान की वाहवाही का जवाब देते हुए रविवार को फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि पाकिस्तान ने हमेशा से जम्मू-कश्मीर की मुख्यधारा की पार्टियों का दुरुपयोग किया है। अब पाकिस्तान अचानक से हमें पसंद करने लगा है। बता दें कि गुपकार घोषणा के तहत जम्मू-कश्मीर की 6 पार्टियों ने अनुच्छेद 370 को हटाने के खिलाफ सामूहिक रूप से लड़ने का संकल्प लिया है और भारत सरकार से इस अनुच्छेद की बहाली की मांग की है।
सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने कहा, “मैं पाकिस्तान से अनुरोध करूंगा कि वो हथियारबंद लोगों को कश्मीर में न भेजे। हम अपने राज्य में खून खराबे का अंत चाहते हैं, जम्म कश्मीर की सभी पार्टियां शांतिपूर्वक अपने अधिकारों के लिए लड़ेगी, इसमें पिछले साल 5 अगस्त को असंवैधानिक तरीके से जो हमसे छीना गया था वो भी शामिल है।”
बता दें कि 5 अगस्त 2019 को ही केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को प्राप्त धारा 370 का विशेष दर्जा खत्म कर दिया था।