कोलकाता। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने आंदोलनकारी डॉक्टरों की 5 में से 3 मांग मानते हुए कोलकाता के पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल और डिप्टी कमिश्नर (नॉर्थ) को हटाने का फैसला किया है। ममता बनर्जी ने स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक और चिकित्सा शिक्षा निदेशक को हटाने की डॉक्टरों की मांग भी मान ली है। इसके बाद भी डॉक्टरों ने आंदोलन जारी रखने का एलान किया है। आंदोलनकारी डॉक्टरों का कहना है कि उनकी सभी मांगों को माना नहीं गया है। जो मांग ममता बनर्जी ने लंबी बैठक के बाद मानी, उसे आंदोलनकारी डॉक्टरों ने अपनी मौलिक जीत बताया है। आंदोलनकारी डॉक्टरों का ये भी कहना है कि सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को आरजी कर मेडिकल कॉलेज मामले में सुनवाई है। कोर्ट की सुनवाई का भी डॉक्टर इंतजार कर रहे हैं।
आंदोलनकारी डॉक्टरों का कहना है कि कोलकाता के पुलिस कमिश्नर समेत कई अफसरों को हटाने का सीएम ममता बनर्जी ने फैसला किया है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को भी हटाने की हमारी मांग नहीं मानी। डॉक्टरों का कहना है कि प्रधान सचिव के संरक्षण में स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार होता है। आंदोलनकारी डॉक्टरों का ये भी कहना है कि बैठक में ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी सुरक्षा के लिए सीसीटीवी लगाए जाएंगे और चीफ सेक्रेटरी मनोज पंत की अध्यक्षता में कमेटी बनेगी, लेकिन खतरे की प्रकृति पर बैठक में बहुत कम चर्चा हुई। आंदोलनकारी डॉक्टरों का कहना है कि अभी विरोध जारी रहेगा और अन्य आंदोलनकारियों से बातचीत और सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई को देखने के बाद आगे का कदम तय होगा।
डॉक्टरों का आंदोलन 8 और 9 अगस्त 2024 की दरम्यानी रात कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर की रेप के बाद हत्या के सनसनीखेज मामले के बाद शुरू हुआ था। डॉक्टरों के आंदोलन का आज 39वां दिन है। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कई बार डॉक्टरों से बातचीत का प्रस्ताव दिया, लेकिन बैठक नहीं हो सकी थी। इसकी वजह ये थी कि डॉक्टर बैठक की लाइव स्ट्रीमिंग या वीडियो रिकॉर्डिंग की मांग कर रहे थे। सोमवार को ममता बनर्जी के साथ आंदोलनकारी डॉक्टरों की बैठक उस वक्त संभव हुई, जब सरकार ने बैठक के मिनिट्स लिखने की डॉक्टरों की मांग मान ली। माना जा रहा है कि आज देर रात तक डॉक्टरों का आंदोलन खत्म हो सकता है।