नई दिल्ली। असम सरकार ने स्कूलों के नाम के आगे से ‘मकतब’ शब्द हटा दिया है। असम में स्कूलों के नाम के आगे मकतब लिखा जाता है। यह अरबी भाषा का शब्द है। बदलते समय के मुताबिक इस शब्द को बनाए रहने के कोई मायने नहीं रह गए थे। असम सरकार के मुताबिक टीचर अब बच्चों को मकतब की शिक्षा नहीं दे पाते। अब स्कूल सामान्य लोअर प्राइमरी स्कूल में तब्दील होकर रह गए हैं। इसलिए स्कूलों के प्रबंधन को सुझाव दिया गया है कि वे नाम से मकतब शब्द हटा दें।
अरबी भाषा में मकतब माने स्कूल होता है। असम सरकार शिक्षा व्यवस्था में कई बदलाव कर रही है। इससे पहले सरकार ने मदरसे और संस्कृत पाठशालाओं को सामान्य हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूल में बदलने का निर्णय लिया था।
एक आंकड़े के मुताबिक, असम में 63 सरकारी स्कूल ऐसे हैं जिनके नाम में मकतब शब्द जुड़ा है। असम सरकार के मुताबिक मकतब लिखने से उन छात्रों को समस्याएं पैदा होती हैं, जो प्राथमिक स्कूलों में अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद उच्च विद्यालयों में प्रवेश चाहते हैं। वैसे भी यह बहुत पुरानी व्यवस्था है। सैयद मोहम्मद सादुल्ला जब प्रदेश के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने मकतब की तालीम के लिए कुछ प्राइमरी स्कूलों को मंजूरी दी थी।
सरकार ने इस बाबत एक आदेश भी जारी कर दिया है।सरकार को उम्मीद है कि अगले एक हफ्ते के अंदर मकतब शब्द स्कूल के नाम से हटा दिया जाएगा। असम सरकार का तर्क है कि सरकार चूंकि धर्म निरपेक्ष संस्था है, इसलिए किसी मजहबी तालीम के लिए फंडिंग नहीं की जा सकती।
असम सरकार कुछ मदरसे और संस्कृत पाठशालाएं संचालित करती है। फिलहाल 1200 मदरसे और 200 संस्कृत पाठशालाएं चल रहे हैं। इनमें सामान्य पाठ्यक्रम के साथ ही धार्मिक शिक्षा-दीक्षा भी दी जाती है।