
मुंबई। अब अजित पवार क्या करेंगे? ये सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि उनके चाचा शरद पवार ने अपनी पार्टी एनसीपी को चलाने के लिए दो कार्यकारी अध्यक्ष बनाए हैं और अजित पवार को ये पद नहीं दिया है। एनसीपी का कार्यकारी अध्यक्ष पद शरद पवार ने अपनी बेटी और सांसद सुप्रिया सुले और पुराने वफादार प्रफुल्ल पटेल को दिया है। शरद पवार ने बीते दिनों एनसीपी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने का एलान अचानक किया था। इस एलान का अजित पवार ने स्वागत किया था। वहीं, एनसीपी के बाकी नेता शरद पवार से अध्यक्ष पद न छोड़ने की गुहार लगा रहे थे। आखिरकार, शरद पवार ने अध्यक्ष पद छोड़ने का अपना फैसला वापस तो लिया, लेकिन अब दो कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर पार्टी पर अपनी पकड़ और मजबूत कर ली है।
इस खबर के लिखे जाने तक शरद पवार के ताजा फैसले के बारे में अजित पवार की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, बीते दिनों खबर ये भी फैली थी कि अजित पवार अपने चाचा शरद पवार से दाम छुड़ाकर बीजेपी के साथ जा सकते हैं। अटकलें लग रही थीं कि अजित के साथ एनसीपी के काफी विधायक भी हैं और बीजेपी उनको महाराष्ट्र का सीएम पद सौंप सकती है। इस खबर का अजित ने कभी खंडन तो नहीं किया, लेकिन बीच-बीच में उनका मोबाइल आउट ऑफ रीच होता रहा। वैसे अजित ने बीजेपी के साथ जाने की अटकलों को उस वक्त खारिज कर दिया था, लेकिन अब सबकी नजर इस पर है कि एनसीपी में कार्यकारी अध्यक्ष न बनाए जाने पर अजित क्या करते हैं।
अजित पवार को महाराष्ट्र के कद्दावर नेताओं में गिना जाता है। हालांकि, उनकी ये पहचान अपने चाचा शरद पवार की वजह से है। आमतौर पर अजित पवार को शरद पवार और अपनी बहन सुप्रिया सुले के साथ अच्छे मूड में ही देखा जाता रहा है। तीनों के बीच करीबी सार्वजनिक तौर पर नजर आती रही है। फिर भी शरद पवार ने अजित को एनसीपी का कार्यकारी अध्यक्ष नहीं बनाया। क्या ये माना जाए कि शरद पवार अपने भतीजे पर भरोसा नहीं कर पा रहे हैं? या अजित के लिए उन्होंने कुछ और बड़ा काम सोच रखा है?