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Congress : ‘जो हमारे नहीं हो सके वो भाजपा के क्या होंगे.., अब ज्योतिरादित्य सिंधिया के बयान पर कांग्रेस ने साधा निशाना

Congress : कभी कांग्रेस के सबसे बड़े नेताओं में शुमार और युवा होने की वजह से राहुल गांधी के सबसे करीबियों में गिने जाने वाले सिंधिया ने राहुल की सदस्यता जाने के बाद एक बयान में ये कहा था कि, बीते कुछ दिनों में कांग्रेस ने न्यायपालिका और कानून व्यवस्था पर दवाब बनाकर कार्य निकलवाने का प्रयास किया है, व्यक्तिगत लड़ाई को राहुल गांधी को इस तरह से लोकतंत्र की लड़ाई बनाने की आवश्यकता नहीं थी।

नई दिल्ली। मध्य प्रदेश और देश की सियासत का बड़ा नाम केंद्र सरकार में उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के राहुल गाँधी को लेकर दिए गए एक बयान को लेकर कांग्रेस अब हमलावर हो गई है। सिंधिया के बयान पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा ने जोरदार पलटवार करते हुए उन्हें धोकेबाज बताने का प्रयास किया। पवन खेड़ा का ये बयान सिंधिया की राहुल गाँधी की लोकसभा सदस्यता जाने के ऊपर की गई टिप्पणी के बाद आया है। पवन खेड़ा ने सिंधिया को आड़े हाथो लेते हुए कहा, अभी वो इस बात को नहीं समझेंगे, कि कांग्रेस की लड़ाई लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई है। अभी वो बीजेपी में नए नए पहुंचे हैं, मोदी जी को मेरी एक सलाह है, कि जिस व्यक्ति को कांग्रेस ने आगे बढ़ाने का कार्य किया, वो व्यक्ति कांग्रेस का भी नहीं हो सका तो आपका होगा इसकी क्या उम्मीद है ?

rahul gandhi and jyotiraditya scindia

आपको बता दें, कि भाजपा पर निशाना साधते हुए पवन खेड़ा ने लोकतंत्र को खत्म करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, यदि आप लोकतंत्र की जान लेना चाहें और आप सोचें कि चीख भी न बाहर निकले तो, तो आप भूल जाइए क्योंकि राहुल गांधी जी तो जरूर बोलेंगे। पीएम मोदी को कायर और डरपोक बताते हुए पवन खेड़ा ने कहा, ”हम आपसे नहीं डरते, न ही राहुल जी आपकी धमकियों से डरने वाले हैं। हमारी लड़ाई लोकतंत्र को बचाने की है, जो लोग खुद को महाराजा कहलाना पसंद करते हैं, वो हमें फर्स्ट सिटीजन को लेकर ज्ञान न दें।”

गौरतलब है कि कभी कांग्रेस के सबसे बड़े नेताओं में शुमार और युवा होने की वजह से राहुल गांधी के सबसे करीबियों में गिने जाने वाले सिंधिया ने राहुल की सदस्यता जाने के बाद एक बयान में ये कहा था कि, बीते कुछ दिनों में कांग्रेस ने न्यायपालिका और कानून व्यवस्था पर दवाब बनाकर कार्य निकलवाने का प्रयास किया है, व्यक्तिगत लड़ाई को राहुल गांधी को इस तरह से लोकतंत्र की लड़ाई बनाने की आवश्यकता नहीं थी। लोकतंत्र इस देश में आजादी के बाद से चला आ रहा है, आजतक लोकतंत्र खतरे में नहीं आया तो फिर आज कैसे ये आरोप लगाए जा सकते हैं। इसके साथ ही कांग्रेस के ऊपर सिंधिया ने निशाना साधते हुए ये भी सवाल किया कि, क्या जब कोई अदालत जाता है, तो नेताओं की फ़ौज को इकठ्ठा करके ले जाता है? कांग्रेस अगर ऐसा करती है तो लोकतंत्र के साथ असल में उन्होंने ही सबसे नीचे के स्तर पर जाकर खिलवाड़ करने का काम किया है।