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Vaccine: जब टीका लगाने से पहले पीएम मोदी का सवाल सुनकर हंस पड़ीं एम्स की नर्स

PM Modi Vaccination: पीएम मोदी(PM Modi) ने नर्सों से कहा कि नेताओं की चमड़ी मोटी होती है, इस नाते पशुओं वाली मोटी सुई लगाना। जिस पर नर्सो ने कहा कि नहीं सर, आपको नॉर्मल सुई ही लगेगी।

नई दिल्ली। सोमवार, 1 मार्च को देश में कोरोना वैक्सीन को लेकर चल रहे टीकाकरण अभियान का दूसरा चरण शुरू हुआ। इस चरण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैक्सीन की पहली डोज ली। इतना ही नहीं पीएम मोदी के बाद, उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने भी चेन्नई के सरकारी अस्पताल में कोविड-19 वैक्सीन की पहली खुराक ली। वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज पटना में और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, ने भी कोरोना वैक्सीन की पहली खुराक ली। वहीं पीएम मोदी जब सोमवार की सुबह वैक्सीन की डोज लेने दिल्ली के एम्स में पहुंचे तो उन्होंने वैक्सीन लगाने के लिए आईं नर्सों से कुछ ऐसा कहा कि, वो अपनी हंसी नहीं रोक पाईं।

दरअसल पीएम मोदी ने नर्सों से कहा कि नेताओं की चमड़ी मोटी होती है, इस नाते पशुओं वाली मोटी सुई लगाना। जिस पर नर्सो ने कहा कि नहीं सर, आपको नॉर्मल सुई ही लगेगी। प्रधानमंत्री मोदी आम आदमी की परेशानी को ध्यान में रखते हुए बगैर पूर्व निर्धारित प्लान के ही एम्स सुबह-सुबह पहुंच गए थे। उनके एम्स कैंपस में दाखिल होने पर स्टाफ को जानकारी हुई। प्रधानमंत्री मोदी जब सुबह साढ़े छह बजे वैक्सीनेशन सेंटर पहुंचे तो उन्हें देखकर स्टाफ काफी गंभीर मुद्रा में नजर आया। जिस पर प्रधानमंत्री मोदी ने माहौल को हल्का करने के लिए स्टाफ के नाम और निवास का स्थान पूछा।

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मौके पर मौजूद एक नर्स ने बताया कि वह सिस्टर निवेदा हैं और पुदुचेरी की रहने वाली हैं, दूसरी नर्स ने खुद को केरल का निवासी और नाम रोसम्मा अनिल बताया। इसके बाद पीएम मोदी ने पूछा- पशुओं को लगने वाली सीरिंज लाई हो न? इस पर नर्स निवेदा ने कहा- नो सर। प्रधानमंत्री मोदी को लगा कि नर्स पूरी बात नहीं समझ पाईं। जिस पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि नेताओं की चमड़ी मोटी होती है, इस नाते उन्हें मोटी सुई की जरूरत होती है। यह सुनकर दोनों नर्स हंस पड़ीं।

PM Narendra Modi

बता दें कि भारत में संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद दुनिया में सबसे अधिक कोविड-19 मामले सामने आए हैं। देश में अब तक 1.2 करोड़ से अधिक स्वास्थ्य कर्मचारियों और फ्रंट-लाइन वर्कर्स का टीकाकरण किया गया है। देश अब हेल्थकेयर और फ्रंट-लाइन वर्कर्स से परे अपने टीकाकरण अभियान का विस्तार कर रहा है, जिसके तहत बुजुर्गों गंभीर बीमारियों से ग्रस्त अधेड़ उम्र के लोगों को टीका लगाया जा रहा है।