मैनपुरी। हाथरस में सत्संग के दौरान मची भगदड़ मामले में नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा का अब तक पता नहीं है। भोले बाबा ने बुधवार को एक बयान जारी कर कहा था कि हाथरस के सिकंदराराऊ में भगदड़ की घटना सत्संग से उनके चले जाने के बाद हुई। बुधवार रात को ही मैनपुरी के एसपी अन्य अफसरों और पुलिस बल के साथ भोले बाबा के आश्रम में दाखिल हुए और करीब 1 घंटे रहे, लेकिन नारायण साकार हरि का कुछ पता नहीं चला। खबर लिखे जाने तक भोले बाबा पुलिस और लोगों की नजरों से ओझल हैं।
भोले बाबा के आश्रम से निकलने के बाद अफसरों ने मीडिया को बताया कि अंदर नारायण साकार हरि नहीं मिले। 50-60 भक्त महिला और पुरुष भक्त जरूर मौजूद थे। अब सवाल ये उठता है कि भोले बाबा आखिर कहां हैं? खास बात ये भी है कि पुलिस ने जो एफआईआर दर्ज की है, उसमें भी भोले बाबा का नाम नहीं है। पुलिस की एफआईआर में सिर्फ सत्संग का आयोजन करने वाले और भोले बाबा के मुख्य सेवादार को ही आरोपी बनाया गया है। इससे पहले जानकारी मिली थी कि भोले बाबा का सत्संग कराने के लिए एसडीएम से 80000 लोगों के जुटने की मंजूरी ली गई थी, लेकिन करीब ढाई लाख भक्त जुट गए थे। भोले बाबा के सत्संग में व्यवस्था बनाए रखने के लिए 12000 सेवादार ही मौजूद थे।
भोले बाबा के इस सत्संग में भगदड़ मचने से 121 लोगों की जान गई। इनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं। मृतकों का पोस्टमॉर्टम हुआ है। जिसमें पता चला है कि दम घुटने और पसलियां वगैरा टूटने से उनकी जान गई। यूपी सरकार ने भोले बाबा के सत्संग में हुई भगदड़ कांड की न्यायिक जांच कराने का भी फैसला किया है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने साफ कहा है कि चाहे कितना ही रसूख वाला क्यों न हो, लेकिन इस घटना के दोषी को किसी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।