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UP News: ‘जहां पत्थर रख दो, वहीं मंदिर…’ अखिलेश के बयान पर संतों की नाराजगी, कहा- माफी नहीं मांगी तो…

UP News: इस मामले में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। महंत रवींद्र पुरी का कहना है कि ज्ञानवापी मामले में नेताओं की बयानबाजी पर नजर रखने के लिए कमेटी का गठन किया जाएगा। ये एक पांच सदस्यीय कमेटी होगी जिसमें ऐसे महात्माओं को जगह दी जाएगी जो कानून की डिग्री लिए हुए हैं और उन्हें कानून की जानकारी है।

नई दिल्ली। ‘कहीं पर भी पत्थर रख दो, मंदिर बन गया’…ये हमारा नहीं बल्कि समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव का कहना है जिन्होंने ज्ञानवापी मामले में प्रतिक्रिया देते हुए ये बात कही थी। अखिलेश यादव ने हिंदू धर्म में मंदिरों के निर्माण को लेकर कहा था, ‘हमारे हिंदू धर्म में यह है कि कहीं पर भी पत्थर रख दो, एक लाल झंडा रख दो, पीपल के पेड़ के नीचे तो मंदिर बन गया’। अखिलेश यादव के इसी बयान पर अब साधु संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (Akhil Bharatiya Akhara Parishad) की प्रतिक्रिया सामने आई है। परिषद ने सपा प्रमुख द्वारा दिए गए इस बयान पर कड़ी नाराजगी जताते हुए माफ़ी की मांग की है।

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गर्माया हुआ है मंदिर और मस्जिद का मामला

बता दें, इस दिनों की देश की राजनीति में मंदिर और मस्जिद का मामला गर्माया हुआ है। हिंदू और मुस्लिम पक्ष आमने-आमने है। सड़कों से निकलकर ये मामला कोर्ट तक जा पहुंचा है। बात ज्ञानवापी मामले की करें तो इसपर एक के बाद एक हर राजनीतिक दल अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। इन्हीं दलों में शामिल समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भी इस मामले पर बयान दिया था। हिंदू धर्म में मंदिरों के निर्माण को लेकर बयान देते हुए अखिलेश यादव कहा था, ‘हमारे धर्म में ऐसा है कि आप कहीं भी पत्थर रख दो, एक लाल झंडा रख दो, पीपल के पेड़ के नीचे तो मंदिर बन गया’।

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अखिलेश यादव का किया जाएगा बहिष्कार

अब उनके इस बयान पर संतों का कहना है, “अगर अखिलेश यादव माफी नहीं मांगते है तो प्रयागराज (Prayagraj) के 2025 के कुंभ (Kumbh) में उन्हें न्योता नहीं दिया जाएगा।” अखाड़ा परिषद के संतों ने कहा, “अगर इसके बाद भी अखिलेश कुंभ मेले में आएंगे तो उनका विरोध किया जाएगा। सार्वजनिक कार्यक्रमों में अखिलेश यादव का बहिष्कार किया जाएगा।”


कमेटी का किया जाएगा गठन

इस मामले में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। महंत रवींद्र पुरी का कहना है कि ज्ञानवापी मामले में नेताओं की बयानबाजी पर नजर रखने के लिए कमेटी का गठन किया जाएगा। ये एक पांच सदस्यीय कमेटी होगी जिसमें ऐसे महात्माओं को जगह दी जाएगी जो कानून की डिग्री लिए हुए हैं और उन्हें कानून की जानकारी है। महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि भले ही नेता धार्मिक मुद्दों पर हमारा समर्थन न करें तब भी कोई बात नहीं लेकिन इसका विरोध बिलकुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।