नई दिल्ली। ओडिशा विधानसभा चुनाव में इस बार बड़ा उलटफेर देखने को मिला। 24 साल से राज्य की सत्ता पर काबिज मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की बीजू जनता दल को इस बार लोगों ने नकार दिया और 147 सीटों वाली विधानसभा में बीजेपी को 78 सीटें जीता कर पूर्ण बहुमत दे दिया। एक और बहुत बड़ी बात इस चुनाव में ये हुई कि 24 साल से एक भी चुनाव नहीं हारने वाले नवीन पटनायक खुद अपनी सीट भी नहीं बचा सके। पटनायक हिंजली और कांताबंजी दो सीटों पर चुनाव लड़े थे, कांताबंजी सीट पर उनकी हार हो गई हालांकि हिंजली सीट वो जीते जरूर लेकिन सिर्फ 4636 वोटों से। अब बीजेपी ओडिशा में सरकार बनाने जा रही है तो चर्चा ये है कि मुख्यमंत्री कौन होगा?
ओडिशा में जिन नामों को लेकर चर्चा चल रही है उनमें सबसे ऊपर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का है। प्रधान पिछले 10 सालों से केंद्र सरकार में मंत्री रहे हैं। इसके अतिरिक्त बिहार, ओडिशा, झारखंड, उत्तराखंड और कर्नाटक में चुनाव प्रभारी की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं। सीएम पद की रेस में दूसरा नाम मनमोहन सामल का है, जो दो बार ओडिशा में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं।
एक और नाम जिसकी चर्चा मुख्यमंत्री के तौर पर की जा रही है वो हैं लक्ष्मण बाग, जिन्होंने बोलांगीर जिले की कांटाबांजी विधानसभा सीट पर नवीन पटनायक को चुनाव में शिकस्त देकर परचम लहराया है। 2019 के विधानसभा चुनाव में लक्ष्मण की किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया था और वो कांग्रेस प्रत्याशी से सिर्फ 128 वोटों से हार गए थे, मगर इस बार उनकी किस्मत ऐसी चमकी की उनका राजनीतिक सितारा बुलंदी पर पहुंच गया। वैसे तो अगर पुराने रिकॉर्ड को देखा जाए तो बीजेपी ने हमेशा ही राज्यों का चुनाव जीतने के बाद मुख्यमंत्री के नाम को लेकर लोगों को चौंकाया है। अब ओडिशा में जिन नामों की चर्चा है उन्हीं में से कोई मुख्यमंत्री बनेगा या किसी ऐसे को सत्ता सौंपी जाएगी जिसकी चर्चा दूर-दूर तक कहीं नहीं है इस बात के पत्ते तो बीजेपी आलाकमान समय आने पर ही खोलेगा।