नई दिल्ली। देश के 49 वें चीफ जस्टिस के रूप में जस्टिस यूयू ललित ने शपथ ग्रहण की है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें राष्ट्रपति भवन में पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। जस्टिस यूयू ललित जस्टिस एनवी रमना के स्थान पर नियुक्त किए गए हैं, जिनका कार्यकाल कल ही यानी 26 अगस्त को समाप्त हुआ है। कल शुक्रवार को जस्टिस एनवी रमना के विदाई समारोह के दौरान जस्टिस उदय उमेश ललित ने कहा कि ‘वो चीफ जस्टिस के अपने 74 दिनों के कार्यकाल के दौरान तीन महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर काम करने की इच्छा रखते हैं। इस बात को सुनिश्चित करने के लिए इस दिशा में कड़ा परिश्रम करेंगे कि शीर्ष न्यायालय में कम से कम एक संविधान पीठ साल भर काम करे। इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए आए मामलों को सूचीबद्ध करना और आवश्यक मामलों को मेंशन करना उनकी प्राथमिकताओं में से एक होगा।’
कौन हैं जस्टिस यूयू ललित?
जस्टिस उदय उमेश ललित को क्रिमिनल लॉ का स्पेशलिस्ट माना जाता है। 13 अगस्त 2014 को उन्हें सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था। इसके बाद साल 2021 में मई के महीने में राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में उनकी नियुक्ति हुई थी। गौरतलब है कि जस्टिस यूयू शीर्ष अदालत के आदेश के तहत सभी 2G मामलों में CBI के पब्लिक प्रोसिक्यूटर के रूप में ट्रायल्स का हिस्सा रह चुके हैं। इसके अलावा, उन्होंने दो कार्यकालों के लिए सुप्रीम कोर्ट की लीगल सर्विस कमेटी के सदस्य के रूप में भी अपनी सेवाएं दी हैं।
#WATCH | President Droupadi Murmu administers the oath of Office of the Chief Justice of India to Justice Uday Umesh Lalit at Rashtrapati Bhavan pic.twitter.com/HqayMJDwBB
— ANI (@ANI) August 27, 2022
बॉम्बे हाईकोर्ट के जज रहे हैं जस्टिस यूयू के पिता
ये कहना गलत नहीं होगा कि जस्टिस यूयू को कानून और न्याय का ज्ञान अपने परिवार से विरासत में मिला है। उनके दादा रंगनाथ ललित अपने समय के एक जाने-माने वकील रहे हैं। दादा रंगनाथ के बेटे यानी जस्टिस यूयू के पिता उमेश रंगनाथ ललित ने एक कदम आगे बढ़ाते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट के जज का पद संभाला। इसके बाद जस्टिस यूयू ललित अपने परिवार में तीसरी पीढ़ी के वकील बने और अपनी काबिलियत के बल पर सुप्रीम कोर्ट के जज बने। अब वो देश के मुख्य न्यायाधीश पद पर आसीन हैं।