newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

किसान आंदोलन पर SC ने कहा, प्रदर्शन किसानों का हक, लेकिन रास्ता बंद नहीं कर सकते

नए कृषि कानून (Agricultural law) के विरोध में किसानों का आंदोलन (Farmer Protest) गुरुवार को 22वें दिन जारी है। किसान तीनों कृषि कानूनों को रद्द किए जाने पर अड़े हैं तो सरकार कानूनों को वापस लेने के पक्ष में नहीं है।

नई दिल्ली। नए कृषि कानून (Agricultural law) के विरोध में किसानों का आंदोलन (Farmer Protest) गुरुवार को 22वें दिन जारी है। किसान तीनों कृषि कानूनों को रद्द किए जाने पर अड़े हैं तो सरकार कानूनों को वापस लेने के पक्ष में नहीं है। हालांकि बातचीत से हल निकालने की लगातार कोशिश की जा रही है और सरकार कानूनों में संशोधन के लिए भी तैयार है। वहीं सुप्रीम कोर्ट में आज को कृषि कानूनों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश (CJI) एसएस बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि किसानों को विरोध करने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि हम इसमें हस्तक्षेप नहीं करेंगे लेकिन विरोध का तरीका कुछ ऐसा है जिस पर हम गौर जरूर करेंगे।

Farmer Protest

अपडेट-

CJI ने कहा कि वह अभी कानूनों की वैधता तय नहीं करेंगे। वहीं कोर्ट ने कहा, ‘आज हम जो पहली और एकमात्र चीज तय करेंगे, वह किसानों के विरोध और नागरिकों के मौलिक अधिकार के बारे में है। कानूनों की वैधता का सवाल इंतजार कर सकता है।’

सुप्रीम कोर्ट में अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि उनमें से कोई भी फेस मास्क नहीं पहनता है, वे बड़ी संख्या में एक साथ बैठते हैं। कोविड-19 एक चिंता का विषय है, वे गांव जाएंगे और वहां कोरोना फैलाएंगे। किसान दूसरों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन नहीं कर सकते।

सीजेआई बोबडे ने कहा, ‘एक विरोध तब तक संवैधानिक होता है जब तक वह संपत्ति या जीवन को खतरे में नहीं डालता। केंद्र और किसानों से बात करनी होगी। हम एक निष्पक्ष और स्वतंत्र समिति के बारे में सोच रहे हैं, जिसके समक्ष दोनों पक्ष अपना पक्ष रख सकें। समिति एक रास्ता देगी जिसका पालन किया जाना चाहिए। इस बीच विरोध जारी रह सकता है। स्वतंत्र समिति में पी साईनाथ, भारतीय किसान यूनियन और अन्य सदस्य हो सकते हैं। आप (किसान) हिंसा को भड़का नहीं सकते और इस तरह से एक शहर को ब्लॉक (अवरुद्ध) नहीं कर सकते।’

कृषि कानूनों के खिलाफ टिकरी बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है।

चिल्ला बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए बॉर्डर पर सुरक्षा बल तैनात है।

पंजाब में सीमा सुरक्षा बल ने अटारी बॉर्डर पर दो घुसपैठियों को मार गिराया, उनके पास से हथियार बरामद किए गए। सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है।

कृषि कानूनों के खिलाफ टिकरी बॉर्डर पर किसान प्रदर्शनकारी डटे हुए हैं। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “हमने सरकार से ये कानून नहीं मांगे थे, हम सरकार से मांगते हैं कि हमारी फसल का दाम बढ़ाओ, वो बढ़ाते नहीं हैं।”

सिंघु बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बढ़ती ठंड से बचने के लिए गैस हीटर लगाए हैं। एक प्रदर्शनकारी ने बताया, “लोग लकड़ी जलाकर अपना काम चला रहे हैं। किसान नेताओं ने कुछ हीटर मंगाए हैं लेकिन ये गैस से चलते हैं, इनमें खर्चा है।”