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Who is Masarat Alam: कौन है मसरत आलम?, जिसके संगठन मुस्लिम लीग जम्मू-कश्मीर को मोदी सरकार ने किया बैन

Who is Masarat Alam: मसरत आलम अलगाववादी संगठन एपीएचसी का अध्य़क्ष है। साल 2021 में उसकी इस पद पर नियुक्ति हुई थी। इसके अलावा वो 2019 से जेल में बंद है। इसके साथ ही एपीएचसी का भी अध्यक्ष रह चुका है। ध्यान दें, मसरत आलम के विरुद्ध एनआईए ने गंभीर आतंकी धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया था।

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज घाटी में आतंकी गतिविधियों पर शिकंजा कसने के मकसद से एक बड़ा कदम उठाया। दरअसल, आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में मुस्लिम लीग मसरत आलम गुट को प्रतिबंधित कर दिया गया है। केंद्र सरकार ने यह कदम इस संगठन के आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में उठया है। केंद्र ने यह कार्रवाई यूएपीए के तहत की थी।

बता दें कि इस संदर्भ में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर जानकारी भी दी, जिसमें कहा गया है कि ‘मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर (मसरत आलम गुट)’/एमएलजेके-एमए को यूएपीए के तहत एक ‘गैरकानूनी संघ’ घोषित किया गया है। यह संगठन और इसके सदस्य जम्मू-कश्मीर में राष्ट्र-विरोधी और अलगाववादी गतिविधियों में शामिल हैं, आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करते हैं और लोगों को जम्मू-कश्मीर में इस्लामी शासन स्थापित करने के लिए उकसाते हैं। वहीं, उन्होंने आगे कहा कि मोदी सरकार का संदेश जोरदार और स्पष्ट है कि हमारे राष्ट्र की एकता, संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ काम करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा और उसे कानून के पूर्ण प्रकोप का सामना करना पड़ेगा। आइए, आगे जानते हैं कि मसरत आलम कौन है ?

आपको बता दें कि मसरत आलम अलगाववादी संगठन एपीएचसी का अध्य़क्ष है। साल 2021 में उसकी इस पद पर नियुक्ति हुई थी। इसके अलावा वो 2019 से जेल में बंद है। इसके साथ ही वो एपीएचसी का भी अध्यक्ष रह चुका है। ध्यान दें, मसरत आलम के विरुद्ध एनआईए ने गंभीर आतंकी धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया था। 2010 में इसे जम्मू-कश्मीर से पुलिस ने गिरफ्तार किया था। मसरत के खिलाफ एक या दो नहीं, बल्कि 27 प्राथमिकी दर्ज है। यही नहीं, उसके खिलाफ 36 दफा पीएसए के तहत भी मामला दर्ज किया जा चुका है।

हालांकि, 2015 में मसरत को रिहा कर दिया गया था, लेकिन इसके बावजूद भी उसके द्वारा की गई आतंकी गतिविधियों में कोई विराम नहीं लगा था। बता दें कि मसरत को पाकिस्तान के समर्थन में नारेबाजी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। दरअसल, मसरत पर आरोप था कि उसने सैयद अली शाह गिलानी के स्वागत में पाकिस्तान के समर्थन में नारेबाजी की थी, जिसके बाद उसके खिलाफ यह शिकंजा कसा था।