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साल के अंत तक खत्म होगा झांसी का गुरसराय कस्बा में पेयजल संकट, 45 गांवो को मिलेगी सिंचाई सुविधा

Drinking Water Crisis: परियोजना के तहत होने वाले काम परियोजना के तहत गुरसराय मुख्य नहर किमी 45 के दाहिने किनारे पर हेड रेगुलेटर एवं 5 किमी लंबी पोषक नहर का निर्माण होना है।

नई दिल्ली। करीब 25 साल बाद झांसी का गुरसराय कस्बा प्यासा नहीं रहेगा। साल के अंत तक बड़वार झील के बेतवा नदी से जुड़ जाने के बाद कस्बे के पेयजल के संकट का स्थायी हल निकल आएगा। यही नहीं इससे कस्बे के आसपास के करीब 45 गांवो को सिंचाई की भी सुविधा मिलेगी। सरकार इसके लिए बड़वाल झील को गुरसराय मुख्य नहर से भरने के फीडर कैनाल का निर्माण करा रही है। परियोजना की कुल लागत 48.74 करोड़ रुपये है। मार्च तक इसमें से 35.27 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं। सिंचाई विभाग के मुताबिक इस साल दिसंबर तक यह परियोजना पूरी हो जाएगी।

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25 साल में सिर्फ चार बार ही भरी बड़वाल झील

दरअसल गुरसराय कस्बे और आसपास के तीन दर्जन गांवों के लिए वहां की बड़वाल झील पानी का मुख्य स्रोत है। इनकी पानी संबंधी जरूरत तभी पूरी हो सकती है, जब झील पूरी तरह भरे। पिछले 25 वर्षों में कम बारिश और अन्य वजहों से यह झील सिर्फ चार बार ही पूरी तरह भर सकी है। ऐसे समय में इस पूरे इलाके में पेयजल एवं सिंचाई का संकट उत्पन्न हो जाता है। इस समस्या का स्थायी हल निकालने के लिए बारिश के सीजन में बेतवा नदी का अतिरिक्त पानी से बड़वाल झील को भरने की योजना है। इस बाबत पारीक्षा वियर से निकलने वाली गुरसराय मुख्य नहर द्वारा पानी पम्पिंग स्टेशन तक पानी पहुचाया जाएगा। इस पानी से हर साल झील को भरा जाएगा।

Betawa jhansi

परियोजना के तहत होने वाले काम परियोजना के तहत गुरसराय मुख्य नहर किमी 45 के दाहिने किनारे पर हेड रेगुलेटर एवं 5 किमी लंबी पोषक नहर का निर्माण होना है। साथ ही 8 किमी की लंबाई में चैनलाइजेशन का काम भी होना है। फिलहाल फीडर चैनल के लिए जमीन का अधिग्रहण हो चुका है। पोषक नहर के 5.2 किमी का काम भी पूरा हो चुका है।10 पक्के कामों में से 5 पूरे हो चुके हैं। दिसम्बर तक परियोजना पूरी हो जाएगी।