
नई दिल्ली। आगामी लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने अपनी कमर कस ली है। 2024 चुनाव में कांग्रेस जीत के लिए पूरा दमखम भी लगा रही है। इसकी के मद्देनजर पार्टी ने संगठनात्मक स्तर पर बड़ा फेरबदल किया है। दरअसल कांग्रेस की पूर्व विधायक और डूसू की पूर्व अध्यक्ष अलका लांबा को अखिल भारतीय महिला कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया है, जबकि वरुण चौधरी को एनएसयूआई (NSUI) की कमान सौंपी है। वो वर्तमान अध्यक्ष नीरज कुंदन का स्थान लेंगे।
जानिए कौन है वरुण चौधरी-
वरुण चौधरी के बारे में बात करें, जिन्हें पार्टी ने NSUI की कमान सौंपी है। वरुण चौधरी दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र के युवा सचिव भी रह चुके हैं। इसके अलावा वरुण चौधरी राजस्थान यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। वो कॉलेज के दिनों से ही सक्रिय राजनीति में रहे।
वहीं, कांग्रेस पार्टी की ओर से बड़ी जिम्मेदारी सौंपे जाने के बाद वरुण चौधरी ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, केसी वेणुगोपाल, कन्हैया कुमार और नीरज कुंदन को धन्यवाद भी दिया। उन्होंने अपने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, ”मुझे यह जिम्मेदारी देने के लिए पार्टी नेतृत्व के प्रति हार्दिक आभार। मैं पूरी सहानुभूति और निष्ठा के साथ देश के छात्र समुदाय का सर्वोत्तम प्रतिनिधित्व और सेवा करने के लिए इस पद पर काम करूंगा। इसके साथ ही मैं NSUI के निवर्तमान अध्यक्ष नीरज कुंदन को भी धन्यवाद देता हूं।”
Immense & heartfelt gratitude towards the party leadership for giving me this responsibility. I shall serve this position to best represent & serve the student fraternity of the country, with utmost empathy & integrity. Sincere thanks to @kharge ji, Smt. Sonia Gandhi ji,… pic.twitter.com/wgqNEIAFJh
— Varun Choudhary (@varunchoudhary2) January 6, 2024
बता दें कि खुद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने NSUI के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद के लिए पांच छात्र नेताओं का साक्षात्कार लिया था, जिसमें राजस्थान से विनोद जाखड़, तेलंगाना से वेंकट और अनुलेखा, दिल्ली से वरुण चौधरी, हरियाणा से विशाल चौधरी शामिल थे। इन सभी का साक्षात्कार लिए जाने के बाद राहुल ने वरुण चौधरी के नाम पर मुहर लगाने का फैसला किया।
जानिए कौन है अलका लांबा ?
21 दिसंबर 1975 को जन्मी अलका लांबा कांग्रेस की बेबाक नेत्री में से एक मानी जाती हैं। वो 2023 से महिला कांग्रेस की अध्य़क्ष भी हैं। अलका लांबा ने 1994 में अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत NSUI से की थी। उन्होंने 1997 में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ का चुनाव भी लड़ा था, जिसमें उन्हें जीत हासिल हुई थी। वहीं पार्टी ने उनकी कर्मठता को ध्यान में रखते हुए उन्हें भारतीय महिला कांग्रेस की महासचिव भी बनाया था। इसके बाद उन्हें साल 2006 में दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी का महासचिव भी नियुक्त किया गया था।
वहीं, साल 2014 में अपने राजनीतिक की अलग राह अख्तियार करते हुए उन्होंने आम आदमी पार्टी का दामन थामा था। उनके राजनीतिक जीवन में अहम पड़ाव तब आया था, जब उन्होंने साल 2015 में चांदनी चौक से विधायक का चुनाव जीता था। इसके बाद अलका लांबा ने साल 2019 में आम आदमी पार्टी से इस्तीफा देकर कांग्रेस का दामन थाम लिया था।