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Who Was Birsa Munda In Hindi? : कौन थे बिरसा मुंडा? जिनके नाम से अब जाना जाएगा दिल्ली का सराय काले खां चौक

Who Was Birsa Munda In Hindi? : आदिवासियों के भगवान माने जाने वाले देश के महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर केंद्र सरकार ने सराय काले खां चौक का नाम बदलकर बिरसा मुंडा के नाम पर करके उन्हें खास तरीके से श्रद्धांजलि अर्पित की है। केंद्रीय अमित शाह ने सराय काले खां चौक के पास बांसेरा पार्क में भगवान बिरसा मुंडा की भव्य प्रतिमा का भी अनावरण किया।

नई दिल्ली। आदिवासियों के भगवान माने जाने वाले देश के महान क्रांतिकारी बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर केंद्र सरकार ने बेहद खास तरीके से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। दिल्ली के आईएसबीटी बस स्टैंड के बाहर स्थित प्रसिद्ध सराय काले खां चौक का नाम बदलकर अब भगवान बिरसा मुंडा चौक कर दिया गया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज सुबह ही सराय काले खां चौक के पास बांसेरा पार्क में भगवान बिरसा मुंडा की भव्य प्रतिमा का भी अनावरण किया। इसके बाद केंद्रीय शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सरकार की तरफ से सराय काले खां चौक के नए नाम की घोषणा कर दी।

खट्टर ने कहा कि अब से सराय काले खां चौक को भगवान बिरसा मुंडा चौक के नाम से जाना जाएगा। भगवान बिरसा मुंडा की इस प्रतिमा और चौक के नाम को देखकर न केवल दिल्लीवासी बल्कि बस अड्डे पर आने वाले देशभर के लोग भी निश्चित रूप से उनके जीवन से प्रेरित होंगे। इससे पहले साल 2021 में मोदी सरकार ने बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने का ऐलान किया था।

भगवान बिरसा मुंडा के बारे में

बिरसा मुंडा पहले आदिवासी थे जिन्होंने अंग्रेजों और जमींदारों के जुल्मों के खिलाफ आवाज उठाई थी। 15 नवंबर 1875 को अविभाज्य बिहार (मौजूदा झारखंड) में जन्मे ने महज 25 साल की कम उम्र में देश की आजादी के लिए अपना जीवन बलिदान दे दिया था। बिरसा मुंडा ने जमींदारों और अंग्रेजों द्वारा आदिवासियों को उनकी परंपरागत जमीन से बेदखल करने और उनके जुल्मों को रोकने के लिए आदिवासियों को एकजुट किया और अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया। बिरसा मुंडा से प्रभावित होकर न सिर्फ आदिवासियों की मुंडा जनजाति बल्कि तमार, संथाल, खासी, भील, मिजो और कोल जनजातियों ने भी आजादी के आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हुए अंग्रेजों से लोहा लिया। बिरसा मुंडा को आदिवासी भगवान की तरह पूजते हैं।