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Who Was Tashi Mangal In Hindi: जानिए कौन थे कारगिल युद्ध में दुश्मनों की घुसपैठ की सूचना देने वाले लद्दाखी ताशी नामग्याल, चरवाहे से बने देश के हीरो

Who Was Tashi Namgyal In Hindi: ताशी नामग्याल मई 1999 में अपने याक की तलाश कर रहे थे जब उन्होंने नियंत्रण रेखा के पास कुछ संदिग्ध लोगों को बंकर खोदते देखा। वे पठानी पोशाक पहने हुए थे, जो आमतौर पर उस क्षेत्र में नहीं देखी जाती। शक होने पर नामग्याल ने तुरंत भारतीय सेना को इस गतिविधि की जानकारी दी। उनकी सतर्कता और साहस ने भारतीय सेना को समय पर घुसपैठ की योजना का पता लगाने और सटीक जवाबी कार्रवाई करने में मदद की। उनके इस योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।

नई दिल्ली। 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तानी घुसपैठ की सूचना देकर भारतीय सेना को सतर्क करने वाले लद्दाखी चरवाहे ताशी नामग्याल का 58 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। नामग्याल लद्दाख की आर्यन घाटी स्थित गरखोन गांव के निवासी थे। भारतीय सेना की फायर एंड फ्यूरी कोर ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी है। फायर एंड फ्यूरी कोर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “लद्दाख के बहादुर ताशी नामग्याल को श्रद्धांजलि। ऑपरेशन विजय के दौरान राष्ट्र के लिए उनके अमूल्य योगदान को सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा।”

Who was tashi Namgyal

कौन थे ताशी नामग्याल?

ताशी नामग्याल मई 1999 में अपने याक की तलाश कर रहे थे जब उन्होंने नियंत्रण रेखा के पास कुछ संदिग्ध लोगों को बंकर खोदते देखा। वे पठानी पोशाक पहने हुए थे, जो आमतौर पर उस क्षेत्र में नहीं देखी जाती। शक होने पर नामग्याल ने तुरंत भारतीय सेना को इस गतिविधि की जानकारी दी। उनकी सतर्कता और साहस ने भारतीय सेना को समय पर घुसपैठ की योजना का पता लगाने और सटीक जवाबी कार्रवाई करने में मदद की। उनके इस योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।

क्या थी कारगिल जंग?

कारगिल युद्ध भारत और पाकिस्तान के बीच मई-जुलाई 1999 में लड़ा गया था। पाकिस्तान ने भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ कर नियंत्रण रेखा (LoC) के पास की पहाड़ियों पर कब्जा कर लिया था। इसका उद्देश्य श्रीनगर-लेह नेशनल हाईवे को काटना था। भारतीय सेना ने ऑपरेशन विजय के तहत दुर्गम पहाड़ी इलाकों में दुश्मन को खदेड़ने का अभियान शुरू किया। वायुसेना ने ऑपरेशन सफेद सागर चलाकर दुश्मन के ठिकानों पर बमबारी की। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने पाकिस्तान की आलोचना करते हुए इसे नियंत्रण रेखा का उल्लंघन माना। ताशी नामग्याल की सूचना और भारतीय सेना की बहादुरी के चलते यह युद्ध जुलाई 1999 में भारत की विजय के साथ समाप्त हुआ।