नई दिल्ली। कांग्रेस में नए अध्यक्ष के चुनाव के लिए पिछले साल से तैयारी चल रही है, लेकिन ये कम ही लोगों को पता है कि हकीकत में पार्टी को इस मामले में कितनी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस के अध्यक्ष के चुनाव में कई रोड़े हैं। पहला रोड़ा खुद पार्टी चलाने वाले खानदान के चश्म-ओ-चिराग राहुल गांधी हैं। सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी कांग्रेस का अध्यक्ष पद संभालना नहीं चाहते। ये खबर भी पिछले दिनों आई थी कि राहुल ये भी नहीं चाहते कि उनकी बहन प्रियंका गांधी पार्टी की कमान संभालें। सोनिया गांधी बीमार हैं और सूत्रों के मुताबिक वो कार्यकारी अध्यक्ष बनी रहना नहीं चाहती हैं।
पिछले दिनों इस चर्चा ने जोर पकड़ा था कि सोनिया ने राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत को अध्यक्ष पद संभालने के लिए कहा। गहलोत ने 23 अगस्त को सोनिया से दिल्ली आकर मुलाकात भी की थी, लेकिन यहां भी एक रोड़ा अटक गया। सूत्रों के मुताबिक अशोक गहलोत भी कांग्रेस का अध्यक्ष पद संभालना नहीं चाहते। वो राहुल गांधी की रट वैसे भी सार्वजनिक तौर पर लगाए हुए हैं। अंदरखाने की खबर ये भी है कि अशोक गहलोत ने अध्यक्ष बनने पर पार्टी को अपने तरीके से चलाने की शर्त रखी थी। इसी वजह से मामला गड़बड़ा गया।
कांग्रेस ने पहले एलान किया था कि अक्टूबर 2022 तक पार्टी को नया अध्यक्ष मिल जाएगा। इसके लिए चुनाव कब होगा, ये तारीख अभी तय नहीं है। आज इसी मुद्दे पर कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक होने जा रही है। माना जा रहा है कि बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नाम, तारीख और चुनाव की तैयारियों पर फैसला होगा। खास बात ये भी है कि पार्टी छोड़ते वक्त सीनियर नेता गुलाम नबी आजाद ने अपने इस्तीफे में ये आरोप भी लगाया है कि सिर्फ दिखावे के वास्ते कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव कराने की बात हो रही है। ऐसे में कांग्रेस के नेताओं और गांधी परिवार के सामने ये मुश्किल भी है कि वे चुनाव कराकर ये दिखाएं कि कांग्रेस छोड़ने वाले नेताओं के आरोप गलत हैं और पार्टी में लोकतांत्रिक तरीके से कामकाज होता है।