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EC on Jammu Kashmir’s Assembly Elections : लोकसभा के साथ क्यों नहीं हो रहे जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव? मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कारण

EC on Jammu Kashmir’s Assembly Elections : मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि जम्मू कश्मीर विधानसभा में उम्मीदवारों की संख्या काफी ज्यादा होगी। इतनी बड़ी संख्या में उम्मीदवारों को सुरक्षा देने के लिए लोकसभा चुनाव के समय पर्याप्त सुरक्षाबल उपलब्ध नहीं होंगे।

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही देश में आम चुनाव का बिगुल बज गया। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने लोकसभा चुनाव की तारीखों के साथ ही चार राज्यों अरुणाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम में होने वाले विधानसभा चुनावों का शेड्यूल भी जारी कर दिया। अब सवाल यह है कि जम्मू-कश्मीर में भी विधानसभा चुनाव कराए जाने हैं लेकिन ये लोकसभा चुनाव के साथ क्यों नहीं कराए जा रहे? ऐसा क्यों है इसका कारण खुद मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने विस्तार से बताया।

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा के चुनाव लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद कराए जाएंगे। दोनों चुनाव साथ नहीं कराने की प्रमुख वजह पर्याप्त सुरक्षा बलों की कमी है। लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने एक सवाल के जवाब में कहा कि सभी राजनीतिक दलों ने केंद्र शासित प्रदेश में दोनों चुनाव साथ-साथ कराने का अनुरोध किया था, लेकिन सभी प्रशासनिक मशीनरी ने कहा कि यह संभव नहीं है।

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि जम्मू कश्मीर विधानसभा में उम्मीदवारों की संख्या काफी ज्यादा होगी। इतनी बड़ी संख्या में उम्मीदवारों को सुरक्षा देने के लिए लोकसभा चुनाव के समय पर्याप्त सुरक्षाबल उपलब्ध नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि यदि हर 90 विधानसभा सीटों पर 10-12 उम्मीदवार भी खड़े होते हैं तो करीब 1,000 उम्मीदवार होंगे। सुरक्षा के लिए करीब 450-500 जवानों की 1,000 कंपनियों की जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराए जाएंगे क्योंकि तब सुरक्षा बल उपलब्ध हो जाएंगे। राजीव कुमार ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम में 107 विधानसभा सीटों का प्रावधान था, जिसमें 24 पीओके के लिए आरक्षित थे। बाद में डिलिमिटेशन में सीटों की संख्या बढ़ाकर पीओके की 24 सीटों के साथ 114 कर दी गई।