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Azam Khan Letter: अखिलेश यादव को बाय-बाय करेंगे आजम खान?, चिट्ठी जारी कर बोले- रामपुर में मुस्लिमों पर हुए जुल्म लेकिन…

Azam Khan Letter: आजम खान ने एक चिट्ठी जारी की है। इस चिट्ठी से लग रहा है कि आजम खान अब दूसरी राह पकड़ सकते हैं। रामपुर में समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष अजय सागर के जरिए आजम खान ने ये चिट्ठी जारी की है। जानिए आखिर आजम खान ने अपनी चिट्ठी में क्या कहा है।

रामपुर। एक दौर में आजम खान अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता रहे। फिर मौलाना जौहर अली यूनिवर्सिटी के लिए जमीन कब्जा करने और अन्य आरोपों में जेल गए। जेल में बंद आजम खान से मिलने अखिलेश यादव नहीं गए, तो इस पर सवाल खड़े हुए। फिर आजम खान हाशिए पर चले गए। अब आजम खान ने एक चिट्ठी जारी की है। इस चिट्ठी से लग रहा है कि आजम खान अब दूसरी राह पकड़ सकते हैं। रामपुर में समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष अजय सागर के जरिए आजम खान ने ये चिट्ठी जारी की है। आजम खान ने अपनी चिट्ठी में मुस्लिमों की अनदेखी का आरोप विपक्ष के इंडी गठबंधन पर लगाया है।

आजम खान की तरफ से जारी चिट्ठी में लिखा गया है कि इंडी गठबंधन को मुस्लिमों पर अपनी स्थिति साफ करनी होगी। अगर ऐसा न किया, तो मुस्लिमों को अपने भविष्य पर विचार करने के लिए मजबूर होना होगा। आजम खान ने अपनी चिट्ठी में ये भी कहा है कि संभल की तरह ही इंडी गठबंधन को रामपुर में मुस्लिमों पर हुए जुल्म और उनकी बर्बादी का मसला संसद में मजबूती से उठाना चाहिए। आजम खान ने चिट्ठी में आरोप लगाने के अंदाज में लिखा है कि रामपुर में मुस्लिमों पर जुल्म के मामले में इंडी गठबंधन खामोश रहा। वो तमाशाई बनकर मुस्लिम नेतृत्व को मिटाने का काम करता रहा। अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी इंडी गठबंधन का हिस्सा है और वो संभल का मुद्दा संसद में उठा रही है। ऐसे में साफ है कि आजम का निशाना अखिलेश यादव पर ही है।

आजम खान मुकदमों में ऐसे घिरे कि न तो विधायक रह सके और न ही सांसद। उनकी पत्नी भी सांसद नहीं रहीं। रामपुर से अखिलेश यादव ने मोहिबुल्लाह को टिकट दिया और वो विधायक बन गए। इस तरह आजम खान की सियासत रामपुर में बिल्कुल कगार पर जाकर टिकी है। माना जा रहा है कि अपनी सियासी जमीन लगातार खोते देखकर ही आजम खान ने चिट्ठी के जरिए अखिलेश यादव को सचेत किया है कि उन पर ध्यान न दिया गया, तो मुस्लिम बहुल रामपुर में उनको खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।