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Politics: यूपी में पराजय के बाद सपा गठबंधन में टूट के आसार, अब अखिलेश से पीछा छुड़ा सकता है ये नेता

Uttar Pradesh: बता दें कि शनिवार को ही सपा के कैंप से पराजय पर सवाल उठे थे। सपा गठबंधन में शामिल महान दल के अध्यक्ष केशव देव मौर्य ने कहा था कि पार्टी में बड़ी-बड़ी बातें कहने वाले खुद चुनाव हार गए और उनकी बयानबाजी ने गठबंधन को भी हरा दिया।

लखनऊ। सपा और आरएलडी यानी राष्ट्रीय लोकदल ने मिलकर यूपी का चुनाव लड़ा। दोनों को उम्मीद थी कि इस बार सरकार बना लेंगे, लेकिन बीजेपी ने बाजी मार ली। अब एक तरफ सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर सहयोगी दल सवाल खड़े कर रहे हैं। वहीं, आरएलडी से भी उसका टकराव सामने आने की नौबत बनती दिख रही है। इसका संकेत 21 मार्च की तारीख दे रही है। इस तारीख को सपा ने अपने विधायकों की बैठक बुलाई है। आरएलडी चीफ जयंत चौधरी भी इसी तारीख को अपने नए चुने गए विधायकों की बैठक अलग से करने जा रहे हैं। अभी ये भी तय नहीं है कि जयंत चौधरी अखिलेश से मुलाकात करेंगे या बैठक के बाद लौट जाएंगे।

jayant and akhilesh

बता दें कि शनिवार को ही सपा के कैंप से पराजय पर सवाल उठे थे। सपा गठबंधन में शामिल महान दल के अध्यक्ष केशव देव मौर्य ने कहा था कि पार्टी में बड़ी-बड़ी बातें कहने वाले खुद चुनाव हार गए और उनकी बयानबाजी ने गठबंधन को भी हरा दिया। इसके अलावा खबर ये भी थी कि सपा में अंदरूनी तौर पर ये चर्चा चल रही है कि अखिलेश ने पार्टी में कॉरपोरेट कल्चर ला दिया है। इसका भी खामियाजा उसे भुगतने की बात की चर्चा थी। कुल मिलाकर अगर अखिलेश और जयंत के बीच रिश्ता टूटा, तो ये सपा को बड़ा झटका साबित हो सकता है।

Akhilesh yadav

इस बार सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जयंत चौधरी से हाथ मिलाया था। इससे पहले 2017 में वो राहुल गांधी और 2019 के लोकसभा चुनाव में बीएसपी सुप्रीमो मायावती से हाथ मिलाकर भी कुछ हासिल नहीं कर सके थे। जयंत की पार्टी को इस बार चुनाव में सिर्फ 8 सीटों पर जीत मिली है। इनमें से भी 2 सीटों पर सपा के लोग ही मैदान में उतरे थे। यानी कुल मिलाकर आरएलडी के अपने 6 उम्मीदवार ही जीते हैं। आरएलडी को 2.85 फीसदी वोट ही मिले हैं। जबकि, उसका साथ लेकर सपा काफी सीटें जीत गई है।