नई दिल्ली। किसान आंदोलन को एक साल से अधिक का वक्त बीत चुका है। ऐसा कहा जा रहा था कि किसान आंदोलन का असर उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव पर भी पड़ सकता है लेकिन अब पीएम मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के फैसला कर लिया है। ऐसे में क्या किसानों का मुद्दा यूपी विधानसभा चुनाव में अभी भी असर डालेगा? क्या सरकार द्वारा कृषि क़ानून बिल वापस लिए जाने से उत्तर प्रदेश के किसानों पर इसका असर पड़ेगा।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर ABP News और सी वोटर ने इसी मुद्दे पर सर्वे किया है। एबीपी न्यूज़ ने सी वोटर के साथ मिलकर स्नैप पोल के ज़रिए ये पता लगाने की कोशिश की है कि किसान कानून वापस लेने से बीजेपी को फायदा होगा या नुकसान? इस मुद्दे पर स्नैप पोल के दौरान उत्तर प्रदेश की 61 फीसदी जनता ने कहा कि हां बीजेपी को कृषि कानून वापस लेने से फायदा मिलेगा जबकि 39 फीसदी लोगों का कहना है कि तीनों कृषि कानून के वापस लेने से बीजेपी को कोई फायदा नहीं होने वाला।
वहीं इस बीच संयुक्त किसान मोर्चा ने ये एलान कर दिया है कि 29 नवंबर को आयोजित किए गये संसद तक ट्रेक्टर मार्च को भी स्थगित कर दिया गया है। हालांकि कुछ मांगों के लिए किसानों का आंदोलन अभी भी जारी रहने वाला है। हालांकि सरकार की तरफ से बार-बार कहा जा रहा है कि किसानों अपने-अपने घर, अपने अपने खेतों की तरफ लौट जाएं। संसद के पहले दिन ही तीनों कृषि कानून संसद में वापस ले लिए जायेंगे।
सर्वे के मुताबिक, बीजेपी+ को 40 फीसदी के आसपास वोट, समाजवादी पार्टी (SP) और उसके सहयोगी दलों को 32 फीसदी वोट मिलता हुआ दिखाई दे रहा है। वहीं बहुजन समाज पार्टी को (BSP) 14% वोट, कांग्रेस को 8% वोट, अन्य को 6% वोट मिलता दिखाई दे रहा है। हालांकि हैरानी की बात तो ये है कि पहले सामने आये सर्वे और आज सामने आये सर्वे के आंकड़े लगभग समान है लेकिन एक बसपा का एक फीसद वोट कटकर कांग्रेस के पास जाता दिखाई दिया है।
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