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आरबीआई ने किया ऐलान, नहीं घबराएं ग्राहक, आ गया YES बैंक के लिए री-स्‍ट्रक्‍चरिंग प्‍लान

आरबीआई की तरफ से यस बैंक के लिए री-स्‍ट्रक्‍चरिंग प्‍लान की भी घोषणा कर दी गई है। हालांकि इस बैंक पर आरबीआई की पाबंदी के बाद अब खाताधारकों में डर का माहौल है।

नई दिल्ली। यस बैंक एक प्राइवेट सेक्‍टर बैंक है। इस बैंक की बदहाली की पूरी कहानी अब जनता के सामने आ गई है। इस बैंक से लोगों को पैसे की निकासी की सीमा 50 हजार कर दिया है। वहीं आरबीआई की तरफ से इस बैंक के लिए री-स्‍ट्रक्‍चरिंग प्‍लान की भी घोषणा कर दी गई है। हालांकि इस बैंक पर आरबीआई की पाबंदी के बाद अब खाताधारकों में डर का माहौल है। इस पूरे मामले पर सरकार की ओर से बार-बार भरोसा दिया जा रहा है कि खाताधारकों के पैसे सुरक्षित हैं।

Yes Bank

संकट की इस घड़ी में यस बैंक को देश के सबसे बड़े बैंक SBI (एसबीआई) का सहारा मिलने की उम्‍मीद है। एसबीआई की ओर से यस बैंक में हिस्‍सेदारी खरीदने के लिए सै‍द्धांतिक मंजूरी भी दे दी गई है।

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की यस बैंक पर पाबंदी की कार्रवाई के बाद ग्राहकों में बेचैनी बढ़ गई है। हालांकि, सरकार की ओर से बार-बार खाताधारकों को पैसे सुरक्षित रहने का भरोसा दिलाया जा रहा है। इस बीच, यस बैंक के लिए आरबीआई ने री-स्‍ट्रक्‍चरिंग प्‍लान का ऐलान किया है। ये प्‍लान एक महीने के भीतर ही लाया जाएगा। इस प्‍लान को सुझाव के लिए एसबीआई और यस बैंक को भेज दिया गया है।

इस बीच, वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्‍फ्रेंस कर यस बैंक के संकट पर विस्‍तार से बात की। उन्‍होंने बताया कि एसबीआई ने यस बैंक में हिस्‍सेदारी खरीदने में दिलचस्‍पी दिखाई है। निवेशक बैंक अगले तीन साल के लिए 49 फीसदी हिस्‍सेदारी ले सकता है। वहीं अपनी हिस्‍सेदारी 26 फीसदी से कम नहीं कर सकता है।

Nirmala Sitharaman

इसके अलावा यस बैंक का नया बोर्ड री-स्‍ट्रक्‍चरिंग प्‍लान के बाद बैंक को टेकओवर करेगा। दरअसल, आरबीआई ने यस बैंक के डायरेक्‍टर बोर्ड को भंग कर दिया था। इसके बाद एसबीआई के सीएफओ प्रशांत कुमार को एडमिनिस्‍ट्रेशन की जिम्‍मेदारी सौंपी गई है।