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Survey Of Madarsas: कट्टरपंथ और आतंकवाद रोकने के लिए यूपी की योगी सरकार का बड़ा फैसला, नेपाल सीमा पर बने मदरसों की आय की होगी जांच

पहले खुफिया एजेंसियों की जांच में पता चला था कि यूपी के नेपाल से सटे जिलों में साल 2018 में जहां 500 मदरसे थे। उनकी संख्या 2021 में बढ़कर 645 हो गई थी। नेपाल सीमा से सटे यूपी के जिलों में मदरसों की बढ़ती संख्या हमेशा शक के दायरे में रही है। खुफिया एजेंसियों को यहां अलगाववाद और आतंकवाद फैलाने वाले तत्वों को शह दिए जाने का शक रहा है।

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लखनऊ। यूपी में पिछले साल सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर सभी मदरसों का सर्वे किया गया था। अब योगी सरकार की नजरें नेपाल सीमा पर कुकुरमुत्तों की तरह उग आए मदरसों की तरफ घूमी है। योगी सरकार ने नेपाल सीमा पर बने निजी मदरसों की आय के स्रोत की जांच कराने का फैसला किया है। इस बारे में यूपी मदरसा शिक्षा बोर्ड ने आदेश जारी किए हैं। यूपी की नेपाल से सटी सीमा के आसपास के जिलों में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की भरमार है। इनके आय के स्रोत की अब जांच कराकर रिपोर्ट मांगी गई है। यूपी मदरसा शिक्षा बोर्ड के रजिस्ट्रार जगमोहन सिंह ने ये रिपोर्ट मांगी है। पहले खुफिया एजेंसियों की जांच में पता चला था कि यूपी के नेपाल से सटे जिलों में साल 2018 में जहां 500 मदरसे थे। उनकी संख्या 2021 में बढ़कर 645 हो गई थी।

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जगमोहन सिंह ने जिलों के अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को नेपाल सीमा के पास बने गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की आय का स्रोत पता करने के लिए कहा है। उन्होंने हिंदी अखबार नवभारत टाइम्स को बताया कि मदरसों को तीन श्रेणी में बांटकर जांच होगी। इस जांच में यहां पढ़ने वाले छात्रों की संख्या, आय और खर्च के बारे में पता किया जाएगा। इन मदरसों की आय के स्रोत जानने के लिए पहले योगी सरकार के मंत्री धर्मपाल सिंह ने भी आदेश दिए थे। इस बार अलग से जांच कराने की खास वजह सामने आई है।

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अखबार की खबर के मुताबिक नेपाल की सीमा से सटे महराजगंज, बलरामपुर, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, बहराइच और लखीमपुर खीरी जिलों में कई ऐसे मदरसे सर्वे में मिले, जिनके आय का स्रोत ठीक से पता नहीं चला था। ऐसे ज्यादातर मदरसों के प्रबंधन ने बताया था कि उनको दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता और हैदराबाद जैसे शहरों से जकात (दान) मिलती है। जिससे उनका खर्च चलता है। अब जांच में पता किया जाएगा कि इन शहरों से कौन लोग या संस्थाएं गैर मान्यता प्राप्त मदरसों को जकात दे रहे हैं। इसके बाद यूपी सरकार की तरफ से आगे की कार्रवाई होगी। बता दें कि नेपाल सीमा से सटे यूपी के जिलों में मदरसों की बढ़ती संख्या हमेशा शक के दायरे में रही है। खुफिया एजेंसियों को यहां अलगाववाद और आतंकवाद फैलाने वाले तत्वों को शह दिए जाने का शक रहा है। ऐसे में योगी सरकार की तरफ से कराई जा रही जांच काफी महत्वपूर्ण है।

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