
लखनऊ। कोरोनावायरस के बीच उत्तर प्रदेश सरकार एक के बाद एक लगातार बड़े फैसले ले रही है। हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रवासी मजदूरों को लेकर बड़ा फैसला लिया था और हरियाणा से करीब 11000 मजदूरों को वापस उत्तर प्रदेश लाया गया था। साथ ही प्रदेश सरकार ने कोटा में फंसे बच्चों को भी उत्तर प्रदेश वापस बुला लिया है। राज्य की जनता कोरोना की महामारी से परेशान है।
लॉकडाउन के चलते राज्य में उद्योग-व्यापार, काम-धंधे सब बंद हैं। आमदनी बंद होने से कई परिवार परेशान हैं। ऐसे में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बड़ा फैसला किया है। योगी सरकार ने स्कूलों में एक साल तक फीस बढ़ाने पर रोक लगा दी है। सरकार ने इससे संबंधित आदेश जारी कर दिया है।
इस मुश्किल की घड़ी में सरकार की ओर से जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि किसी भी स्कूल ने फीस बढ़ाई तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सोमवार की देर शाम जारी किए गए आदेश में साफ कहा गया है कि शिक्षा सत्र 2020-21 के दौरान किसी भी स्कूल में फीस वृद्धि नहीं होगी। यह आदेश सभी बोर्ड के प्रत्येक स्कूल पर लागू होगा।
इस संबंध में प्रदेश के डिप्टी सीएम और शिक्षा मंत्री दिनेश शर्मा ने कहा कि अगर किसी ने पहले ही बढ़ी हुई फीस ले ली है, तो उसे आने वाले महीनों में एडजस्ट करना पड़ेगा। सरकार के इस फैसले से जहां छात्रों और अभिभावकों ने राहत की सांस ली है, ते वहीं प्राइवेट स्कूल संचालकों के यह गले नहीं उतर रही है। कई अभिभावकों ने कहा कि महामारी के इस दौर में स्कूलों की फीस भरना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में आम जनता के दर्द को देखते हुए योगी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है जो कि आने वाले वक्त में पूरे साल राज्य के सभी स्कूलों पर लागू रहेगा।