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Uttar Pradesh: कोरोना रोकने में योगी का यूपी मॉडल देश में सबसे सफल, कोरोना की रफ्तार पर लगा ब्रेक

Uttar Pradesh: सीएम योगी ने खुद प्रदेश के अलग-अलग जनपदों का औचक निरीक्षण करते हुए संक्रमित मरीजों का हालचाल लेते हुए उनका मनोबल बढ़ाया। प्रदेश में एग्रेसिव टेस्टिंग पर जोर देते हुए कोरोना की रोकथाम की जा रही है। प्रदेश में सर्विलांस टीमों के जरिए अब तक कुल 18 करोड़ घरों की कांटेक्ट ट्रेसिंग की जा चुकी है। 97 हजार राजस्व ग्रामों में 70 हजार से अधिक निगरानी समितियों ने डोर टू डोर सर्विलांस किया है।

लखनऊ। यूपी के मुखिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सफल निर्णयों से प्रदेश में कोरोना की रफ्तार पर तेजी से लगाम लगाई जा सकी है। योगी के यूपी मॉडल से आज प्रदेश के सभी जनपदों में कोरोना के केसों में रोजाना तेजी से गिरावट दर्ज की जा रही है। जिसके चलते आज योगी के यूपी मॉडल की सफलता की चर्चा दूसरे प्रदेशों में भी हो रही है। प्रदेश में अप्रैल में बढ़ते मामलों को देखते हुए सीएम ने तेजी से सभी सरकारी व गैर सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन व दवाओं की आपूर्ति, बेडों का विस्तार, जांच व टीकाकरण पर जोर दिया जिसका ही परिणाम है कि आज महज डेढ़ माह में ही प्रदेश का रिकवरी रेट 97.4 प्रतिशत पहुंच गया है। दूसरे कई राज्यों में जहां संपूर्ण लाकडॉउन लगाया गया उसके बावजूद उन प्रदेशों में कोरोना की रफ्तार कम नहीं हुई वहीं उत्तर प्रदेश में आंशिक कोरोना कर्फ्यू लगाते हुए सब्जी मंडी, दवा की दुकानें, ट्रांसपोर्ट और अन्य आवश्यक सुविधाओं में छूट देकर कोरोना को काबू करते हुए जीवन के साथ जीविका को भी सुरक्षित रखने में सफल रहा।

ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट की नीति के अनुरूप उत्तर प्रदेश की नीति के संतोषप्रद परिणाम देखने को मिल रहे हैं। उत्तर प्रदेश एक मात्र ऐसा राज्य है जिसने पांच करोड़ सात लाख 23 हजार 809 कोविड टेस्ट किए हैं। पिछले 24 घंटे में तीन लाख 18 हजार 714 सैम्पल टेस्ट किए गए। इसमें से करीबन एक लाख 35 हजार सैम्पलों की जांच आरटीपीसीआर के जरिए की गई है। सर्वाधिक आबादी वाला उत्तर प्रदेश में 30 अप्रैल 2021 को तीन लाख 10 हजार 783 मरीजों की पीक की स्थिति के सापेक्ष में 35 दिन बाद आज 22,877 कोरोना केस ही प्रदेश में एक्टिव हैं। अब तक प्रदेश में कुल 16 लाख 52 हजार लोग कोरोना संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं।

प्रदेश के जिलों में 600 से कम सक्रिय मामलों का मानक पूरा करने वाले जिलों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। कल तक इनकी संख्या 64 थी जो आज बढ़कर 65 हो गई है। इन 65 जनपदों में कोरोना कर्फ्यू से छूट मिलने के बाद इन जिलों के लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी पटरी पर लौटने लगी है। उम्मीद है की चंद दिनों में तेजी से कुछ और जिले भी मानक में शामिल होकर हफ्ते में पांच दिन तक सुबह सात से शाम सात बजे तक कोरोना कर्फ्यू से राहत पा लेंगे।

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सीएम योगी ने खुद प्रदेश के अलग-अलग जनपदों का औचक निरीक्षण करते हुए संक्रमित मरीजों का हालचाल लेते हुए उनका मनोबल बढ़ाया। प्रदेश में एग्रेसिव टेस्टिंग पर जोर देते हुए कोरोना की रोकथाम की जा रही है। प्रदेश में सर्विलांस टीमों के जरिए अब तक कुल 18 करोड़ घरों की कांटेक्ट ट्रेसिंग की जा चुकी है। 97 हजार राजस्व ग्रामों में 70 हजार से अधिक निगरानी समितियों ने डोर टू डोर सर्विलांस किया है।

योगी सरकार में प्रदेश में निरंतर स्वास्थ्य एवं चिकित्सा क्षेत्र सुदृढ़ होती जा रही हैं। बीते चार वर्षों में इस क्षेत्र में अनेक प्रयास किए गए हैं, जिनसे आधारभूत संरचना समृद्ध हुई है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने चिकित्सा क्षेत्र को और मजबूत बनाने के लिए प्रदेश में निर्माणाधीन सीएचसी और पीएचसी का कार्य समय से पूरा करने के निर्देश दिए थे जिनपर तेजी से कार्य किया जा रहा है। इसकी निगरानी के लिए नोडल अधिकारी भी नियुक्त किए गए हैं। बता दें कि प्रदेश के सभी जनपदों की सीएचसी और पीएचसी में उपकरणों की मरम्मत, क्रियाशीलता, परिसर की रंगाई-पुताई, स्वच्छता और मैन पावर की पर्याप्त उपलब्धता के संबंध में विशेष कार्यवाही की जा रही है।

प्रदेश के बारे में विशेषज्ञों ने आशंका व्यक्त की थी कि मई में हर दिन एक लाख से अधिक नए कोरोना मरीज सामने आएंगे लेकिन बीते 24 घंटो में 1,175 मरीज पाए गए हैं वहीं बीते 24 घंटों में 3,646 लोग स्वस्थ होकर डिस्चार्ज किए जा चुके हैं जो संक्रमित मरीजों की तुलना में तीन गुना अधिक है। दैनिक मरीजों की यह संख्या 24 अप्रैल को आये 38,055 मरीजों की पीक स्थिति के सापेक्ष 97 फीसदी से अधिक की गिरावट आ चुकी है।

प्रदेश में विशेषज्ञों के आंकलन के अनुसार कोरोना की तीसरी लहर से बचाव के संबंध में योगी सरकार प्रो-एक्टिव नीति अपना रही है। सभी मेडिकल कॉलेजों में पीआईसीयू और एनआईसीयू की स्थापना को तेजी से पूरा किया जा रहा है। प्रदेश में लगभग 110 मास्टर ट्रेनरों का पांच दिवसीय प्रशिक्षण शुरू किया जा चुका है। डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ आदि के लिए पीडियाट्रिक केयर ट्रेनिंग का कार्य भी तेजी से किया जा रहा है। सभी के विधिवत प्रशिक्षण की समुचित व्यवस्था सरकार कर रही है।

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प्रदेश में बेहतर होती स्थिति को ध्यान में रखते हुए जिला अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर कोविड प्रोटोकाल के साथ ओपीडी एवं आईपीडी की सेवाओं को शुक्रवार से शुरू किया गया है। इसके साथ ही अधिक से अधिक लोगों को ई-संजीवनी व टेलीकन्सल्टेशन के उपयोग के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

कोविड वैक्सीनेशन संक्रमण से बचाव का सुरक्षा कवच है। केंद्र सरकार के सहयोग से उत्तर प्रदेश सरकार सभी नागरिकों का यथाशीघ्र टीका-कवर देने के लिए संकल्पित है। अब तक प्रदेश में एक करोड़ 94 लाख से अधिक डोज लगाए जा चुके हैं। अब सभी जिलों में 18+ आयु के लोगों का वैक्सीनेशन हो रहा है। 12 वर्ष से कम आयु के बच्चों के अभिभावकों के टीकाकरण की विशेष व्यवस्था की गई है। बीते 24 घंटे में 03 लाख 82 हजार से अधिक लोगों ने टीका-कवर प्राप्त किया।