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Mallikarjun Kharge: ‘तुम तो बोलो ही मत, मैं तुम्हारे पिता की वजह से..’, सदन में किस नेता पर भड़क उठे मल्लिकार्जुन खड़गे?

Mallikarjun Kharge: खड़गे ने देश की जीवनरेखा, रेलवे प्रणाली के बारे में अपनी चिंताएँ व्यक्त करते हुए आगे कहा। उन्होंने कंचनजंगा ट्रेन दुर्घटना और पिछले वर्ष की बालासोर रेल दुर्घटना जैसी हाल की घटनाओं का उल्लेख किया। उन्होंने रेलवे के महत्व पर जोर दिया, जो ऑस्ट्रेलिया जितनी बड़ी आबादी को सेवा प्रदान करती है। उनके भाषण के इस हिस्से के दौरान ही सत्ताधारी पार्टी के एक सांसद ने उन्हें बीच में टोका। इससे खड़गे नाराज़ हो गए, जिसके कारण उन्होंने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “आप बोलते नहीं हैं। बैठ जाइए। ट्रेन आपके पिता को लेने नहीं जाती है।”

नई दिल्ली। सोमवार को राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने जोरदार भाषण दिया। अपने संबोधन के दौरान खड़गे ने न केवल सत्ताधारी पार्टी से तीखे सवाल किए, बल्कि चुनाव के दौरान हुए ध्रुवीकरण के लिए सरकार की आलोचना भी की। हालांकि, एक सांसद ने उनके भाषण को बीच में ही रोक दिया, जिससे तीखी नोकझोंक हुई। खड़गे चुनाव के दौरान शेयर बाजार में आए उतार-चढ़ाव पर चर्चा कर रहे थे, जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे बाजार में उछाल आया और फिर गिरावट आई। उन्होंने कहा, “19 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि शेयर बाजार में उछाल आएगा। गृह मंत्री अमित शाह ने 4 जून से पहले शेयर खरीदने की सलाह दी। एग्जिट पोल आया और 3 जून को शेयर बाजार में उछाल आया। लेकिन 4 जून को यानी नतीजों के दिन शेयर बाजार में गिरावट आई। निवेशकों ने 30 लाख करोड़ रुपये गंवा दिए। इसके लिए प्रधानमंत्री और गृह मंत्री जिम्मेदार हैं।”


सदन में खड़गे का गुस्सा

खड़गे ने देश की जीवनरेखा, रेलवे प्रणाली के बारे में अपनी चिंताएँ व्यक्त करते हुए आगे कहा। उन्होंने कंचनजंगा ट्रेन दुर्घटना और पिछले वर्ष की बालासोर रेल दुर्घटना जैसी हाल की घटनाओं का उल्लेख किया। उन्होंने रेलवे के महत्व पर जोर दिया, जो ऑस्ट्रेलिया जितनी बड़ी आबादी को सेवा प्रदान करती है। उनके भाषण के इस हिस्से के दौरान ही सत्ताधारी पार्टी के एक सांसद ने उन्हें बीच में टोका। इससे खड़गे नाराज़ हो गए, जिसके कारण उन्होंने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “आप बोलते नहीं हैं। बैठ जाइए। ट्रेन आपके पिता को लेने नहीं जाती है।”

जब सदन में हंगामा बढ़ने लगा, तो अध्यक्ष जगदीप धनखड़ ने सदस्यों को शांत किया और खड़गे को अपनी बात जारी रखने की अनुमति दी। खड़गे ने फिर पाँच दशक पहले का एक किस्सा साझा करते हुए कहा, “1970 में गुलबर्गा में कोई हवाई अड्डा नहीं था। उनके [सत्तारूढ़ पार्टी के सांसद के] पिता ने हम सभी को धारा 144 का उल्लंघन करने के लिए अंदर कर दिया था। इसके लिए हमें गिरफ्तार कर लिया गया था।”

खड़गे ने आगे बताया, “1971 में मोहन आर्य, चंद्रशेखर और कृष्णकांत गुलबर्गा आए थे। उन्होंने धारा 144 का उल्लंघन किया था। उस समय मैं ब्लॉक अध्यक्ष था, इसलिए मुझे भी अंदर ले जाया गया। एक-दो घंटे बाद हमें छोड़ दिया गया। तब कोई हवाई जहाज नहीं था, सिर्फ़ ट्रेन थी। बोलो मत। मैं तुम्हारे पिता की वजह से तुम्हारा सम्मान करता हूँ। बैठ जाओ।” यह स्पष्ट नहीं है कि खड़गे किस पार्टी के सांसद को संबोधित कर रहे थे। हालांकि, खड़गे ने चंद्रशेखर का ज़िक्र किया, संभवतः पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर का, जो 1970 के दशक में कांग्रेस का हिस्सा थे। वर्तमान में, उनके बेटे नीरज शेखर राज्यसभा सांसद हैं, जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि खड़गे की टिप्पणी उन्हीं पर थी।