
नई दिल्ली। मधुमेह के मरीजों की लाइफ आसान नहीं होती है। उन्हें अक्सर अपने सेहत पर नजर रखनी होती है, खासकर इस बात का विशेष ध्यान रखना होता है कि कहीं ब्लड शुगर लेवल तो नहीं बढ़ गया। बॉडी की तरफ से मिलने वाले कई इशारे बुरे स्वास्थ्य की तरफ इशारा करते हैं जिन्हें सही समय पर पहचानना बेहद खास है वरना कई दूसरी बीमारियों का खतरा पैदा कर सकते है। ऐसा कहा जाता है कि शुगर के संकेत हमारे नाखूनों के जरिए मिलते हैं। क्या मधुमेह में ग्लूकोज लेवल बढ़ने का संबंध हमारे हाथों के नाखूनों से है? आइए विस्तार से इस बारे में जानते हैं।
क्या डायबिटीज से नाखून हो जाते हैं पीले?
जब हाथों के नाखून का रंग बदलने लगे और नाखून पीले होने लग जाएं तो कई लोगों को इस बात का डर हो जाता है कि कहीं उनका ब्लड शुगर लेवल तो नहीं बढ़ गया। अधिकत्तर हेल्थ एक्सपर्ट ये मानते हैं कि पीले नाखूनों का डायबिटीज से कोई सीधा रिश्ता नहीं है और ऐसे परिणाम रिसर्च में भी सामने नहीं आए हैं। नाखून का पीला पड़ना बॉडी की किसी अन्य प्रॉब्लम का इशारा हो सकता है, जिसमें बैड कोलेस्ट्रॉल या पीलिया रोग शामिल है। आमतौर पर डायबिटीज के कारण मरीजों को किडनी डिजीज का शिकार होना पड़ता है। जिसके बाद एनीमिया बीमारी का होना सामान्य है। शरीर में खून की कमी के कारण नाखूनों का रंग बदलकर हल्का पीला होने लगता है। हालांकि, ऐसा तभी ही होता है जब ब्लड शुगर लेवल काफी बढ़ जाता है।
डायबिटीज में क्यों है अनीमिया?
अनीमिया यानी शरीर में खून की कमी, मधुमेह के वक्त ऐसा होने के पीछे कई वजह हों सकते हैं, लेकिन इसका बड़ा कारण ब्लड शुगर लेवल का बढ़ना, ब्लड वेसेल्स में सूजन या फिर ब्लड क्लॉटिंग हैं। ऐसे वक्त में किडनी की नसों में बदलाव आने लगते हैं। अगर किडनी सही हो तो रेड ब्लड सेल्स का प्रोडक्शन सही रहता है और एरिथ्रोपियोटिन नामक हार्मोन रिलीज जो बोन मैरो के लिए लाभकारी होता है, वहीं किडनी डिजीज में इस प्रॉसेस में रुकावट आने लगती है और हमारे गुर्दे ब्लड को सही तरीके से फिल्टर नहीं कर पाते हैं। नाखून का नेचुरल कलर गुलाबी होता है, लेकिन जब शरीर में कुछ परेशानियां आती हैं तो इसका रंग बदलकर पीला भी हो सकता है। ऐसा आमतौर पर तब होता है जब शरीर में विटामिंस और मिनरल्स की कमी हो जाए।