newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Art & Culture: ललित कला अकादमी ने रविन्द्र भवन गैलेरीज़ में आयोजित की महिलाओं की कला प्रदर्शनी

Art & Culture: ‘अक्षय पात्रा’ कभी खाली न होने वाला एक पात्र है जो एक परिवार एवं समाज में महिला की भूमिका का प्रतीक है। कलाकृतियों के माध्यम से प्रस्तुत की गई कारीगरी महिलाओं के जीवन की खुशियों और दुखों का चित्रण करती है, समाज और परिवार में उनके योगदान पर रोशनी डालती है।

नई दिल्ली। अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के पावन अवसर पर भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के स्वायत्त संगठन भारत की राष्ट्रीय अकादमी, ललित कला अकादमी ने रविन्द्र नाथ गैलेरीज़ में महिलाओं की एक कला प्रदर्शनी, ‘अक्षय पात्रा’ का उद्घाटन किया। प्रदर्शनी 20 मार्च तक चलेगी और इसमें 12 से अधिक देशों से 250 से अधिक कलाकृतियों का प्रदर्शन किया जाएगा। जिनमें 29 प्रतिभाशाली महिला कलाकारों की कलाकृतियां भी शामिल हैं, जिन्होंने पिछले दिनों के दौरान गरही स्टूडियोज़ में आयोजित महिलाओं के तीन दिवसीय राष्ट्रीय कला शिविर में हिस्सा लिया।

Prahlad Joshi Lalit Kala Academy3

बहु-आयामी कला प्रदर्शनी में वरिष्ठ, युवा एवं उभरते कलाकारों की कला का प्रदर्शन किया जा रहा है। इनमें देशी-विदेशी, आदिवासी, अन्तर्राष्ट्रीय एवं अवंत ग्रेड के कलाकार शामिल हैं। जो धरती मां से जुडे पहलुओं पर अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे हैं।

‘अक्षय पात्रा’ कभी खाली न होने वाला एक पात्र है जो एक परिवार एवं समाज में महिला की भूमिका का प्रतीक है। कलाकृतियों के माध्यम से प्रस्तुत की गई कारीगरी महिलाओं के जीवन की खुशियों और दुखों का चित्रण करती है, समाज और परिवार में उनके योगदान पर रोशनी डालती है। दिल को छू लेने वाली कलाकृतियों के माध्यम से इन कलाकारों ने भावनात्मकता, नकारात्मकता और ऐसे ही अन्य पहलुओं पर सवाल भी उठाए हैं।

उद्घाटन के साथ, ललित कला अकादमी ने मिस सयाली कुलकर्णी द्वारा क्यूरेटेड #करो_ना_सलाम भी पेश किया, जिसके माध्यम से उन्होंने भारतीय नागरिकों द्वारा कोविड योद्धाओं को सम्मान दिया।

Prahlad Joshi Lalit Kala Academy3

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), भारत सरकार प्रहलाद पटेल ने इस बहु-प्रतीक्षित कार्यक्रम का उद्घाटन किया। उद्घाटन समारोह के दौरान दिग्गजों का स्वागत किया गया। इसके बाद उन्होंने उपस्थितगणों को सम्बोधित किया और भारतीय कला संस्कृति के प्रति स्नेह एवं सम्मान की अभिव्यक्ति की। साथ ही इसमें महिलाओं की भूमिका पर भी रोशनी डाली।

उन्होंने कहा कि‘भारतीय कला और संस्कृति में महिलाओं का उल्लेखनीय योगदान रहा है। अद्भुत कलाकृतियों की बात करें तो मैं इतना ही कहूंगा कि ये महिलाओं को सही अवसर देती हैं, इन्हें देखकर लगता है कि महिलाएं जादू कर सकती हैं। मेरे लिए गर्व की बात है कि मुझे इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने का अवसर मिला है, मैं देश की सभी महिलाओं के प्रति आभारी हूं जिन्होंने देश के विकास में योगदान दिया है। मैं ललित कला अकादमी को बधाई देता हूं, जिन्होंने देश और दुनिया भर की महिला कलाकारों को एक ऐसा मंच प्रदान किया है, जिसके माध्यम से उन्हें अपनी भावनाओं और जीवन की कहानियों को कलाकृतियों के रूप में दर्शाने का मौका मिमला है।’

इस अवसर पर डॉ उत्तम पाचारणे, अध्यक्ष, ललित कला अकादमी ने कहा, ‘‘मैं सभी बेहतरीन कलाकारों को बधाई देता हूं, जिन्होंने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया है और अपने दिल में छिपी भावनाओं को कैनवास पर उतारा है। इस अवसर पर मैं भारत की पहली महिला अध्यापिका तथा भारतीय नारीत्व की पहली पीढ़ी सावित्रीबाई फूले का भी उल्लेख करना चाहूंगा, जिन्होंने कहा, था ‘‘उठें, सीखें और शिक्षित हों, परम्पराओं को पीछे छोड़ आज़ादी की ओर बढ़ें’उनके यही विचार महिलाओं को एक ताकत और क्षमता देते हैं। ये उल्लेखनीय विचार इस प्रदर्शनी में स्पष्ट रूप से प्रतिबिम्बित हो रहे हैं।’

Prahlad Joshi Lalit Kala Academy3
वहीं पद्मश्री बाबा योगेन्द्र ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा, ‘‘महिलाएं पहले से बेहद सक्षम और मजबूत हैं। वे सिर्फ इतना चाहती हैं कि लोग उनकी क्षमता में भरोसा रखें। मेरा मानना है कि हमारे देश की महिलाओं में अपार प्रतिभा है। उन्हें केवल सहयोग एवं प्रोत्साहन की आवश्यता है। महिलाओं के पास अद्भुत कल्पना शक्ति होती है। वे पहले से विभिन्न क्षेत्रों में बेहतरीन प्रदर्शन कर रही हैं।’’

वहीं इस अवसर पर संसद सदस्य अरुणाचल प्रदेश तापिर गाओ ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि, ‘‘ललित कला अकादमी में हम हमेशा से हर संभव तरीके से महिलाओं के सशक्तीकरण में योगदान देते रहे हैं। हमारा मानना है कि हर पुरूष को जीवन में सफलता हासिल करने के लिए एक महिला की आवश्यकता होती है। यह महिला मां, बहन, दोस्त या साथी के रूप में हो सकती है। ठीक उसी तरह जैसे शतरंज के खेल में रानी ही अपने राजा को सुरक्षित रखती है।’’

सचिव आईसी ललित कला अकादमी, रामाकृष्णा वेदाला ने भारत सरकार के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रहलाद पटेल को धन्यवाद ज्ञापन किया तथा कार्यक्रम में मौजूद महिलाओं का भी आभार व्यक्त किया। बाद में कार्यक्रम के दौरान राजस्थान से आई लोकप्रिय महिला कलाकारों ने एक कार्यशाला में हिस्सा लिया। ‘अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2021’ के मौके पर ललित कला अकादमी द्वारा इस इस विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया।