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सावन शिवरात्रि 2020 : जानें इसका महत्व और जलाभिषेक का शुभ मुहूर्त

आज यानी 19 जुलाई को सावन महीने की शिवरात्रि मनाई जा रही है। वैसे तो हर महीने में शिवरात्रि आती है लेकिन सावन और फाल्गुन के महीने में आने वाली शिवरात्रि का विशेष महत्व होता है।

नई दिल्ली। आज यानी 19 जुलाई को सावन महीने की शिवरात्रि मनाई जा रही है। वैसे तो हर महीने में शिवरात्रि आती है लेकिन सावन और फाल्गुन के महीने में आने वाली शिवरात्रि का विशेष महत्व होता है। सावन के पूरे महीने में भगवान शिव की आराधना की जाती है और जब उस माह में शिवरात्रि आती है इस तिथि का महत्व काफी बढ़ जाता है। सावन शिवरात्रि पर भगवान शिव का जलाभिषेक किया जाता है। आम दिनों के मुकाबले सावन महीने की शिवरात्रि पर जल चढ़ाने से भगवान शिव ज्यादा प्रसन्न होते हैं।

जलाभिषेक करने का समय

इस सावन के महीने में शिवलिंग पर जलाभिषेक के लिए शुभ समय 19 जुलाई की सुबह 5 बजकर 40 मिनट से 7 बजकर 52 मिनट तक का समय शुभफलदायी रहेगा। प्रदोष काल में जलाभिषेक करना काफी शुभ रहता है। ऐसे में 19 जुलाई की शाम के समय 7 बजकर 28 मिनट से रात 9 बजकर 30 मिनट तक प्रदोष काल में जलाभिषेक किया जा सकता है।

Devotees perform ritual on the occasion of Maha Shivratri festival on the bank of river ganga

शिवरात्रि पूजा मुहूर्त- 19 जुलाई

चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ – जुलाई 19, 2020 को 12:41 AM बजे
चतुर्दशी तिथि समाप्त – जुलाई 20, 2020 को 12:10 AM बजे
निशिता काल पूजा समय – 12:07 AM से 12:10 AM बजे

Hindu devotees pour water and milk over a Lingam

पूजन विधि

इस दिन शिव की आराधना पंचामृत से करें तो अति उत्तम रहेगा। शिव की ही ऐसी पूजा है जिसमे केवल पत्र, पुष्प फल और जल का अर्पण करके पूर्ण फल प्राप्त किया जा सकता है। आपके पास जो भी सामग्री हो उसी को लेकर श्रद्धा और विश्वास के साथ भगवान शिव की पूजा करें। जपते हुए बेलपत्र पर चन्दन या अष्टगंध से राम-राम लिख कर शिव पर चढ़ाएं, पुत्र पाने की इच्छा रखने वाले शिव भक्त मंदार पुष्प से, घर में सुख शान्ति चाहने वाले धतूरे के पुष्प अथवा फल से, शत्रुओं पर विजय पाने वाले अथवा मुकदमों में सफलता की इच्छा रखने वाले भक्त भांग से शिव पूजा करें तो सभी तरह की पराजय की संभावनाएं समाप्त हो जाएंगी। संपूर्ण कष्टों और पुनर्जन्मों से मुक्ति चाहने वाले मनुष्य गंगा जल और पंचामृत चढाते हुए ॐ नमो भगवते रुद्राय ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नों रुद्रः प्रचोदयात। इस मंत्र को पढ़ते हुए सभी सामग्री जो भी यथा संभव हो उसे लेकर समर्पण भाव से शिव अर्पित करें। इस तरह आप श्रद्धाभाव और विश्वास के साथ जो भी शिव को अर्पण करेंगे उससे महादेव आपकी सभी मनोकामनायें पूर्ण करेंगे।

Devotees performing rituals to 'Shivling'

इस मंत्र का उच्चारण करें

ॐ नमः शिवाय करालं महाकाल कालं कृपालं ॐ नमः शिवाय ! का जप करते रहें, साथ ही ॐ नमो भगवते रुद्राय, का जप भी कर सकते हैं।