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कोरोना के असर को देखते हुए, ओलम्पिक स्थगित होने का भारतीय खिलाड़ियों ने किया स्वागत

कोरोनावायरस के चलते मची उथल-पुथल के बीच अंतत: जापान सरकार और अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति (आईओसी) ने टोक्यो ओलम्पिक-2020 को स्थगित करने का फैसला ले लिया है। अब ये खेल अगले साल होंगे। शीर्ष नेतृत्व द्वारा उठाए गए इस ऐतिहासिक कदम का कई भारतीय खिलाड़ियों ने स्वागत किया है और इसे वक्त की जरूरत बताया है

नई दिल्ली। कोरोनावायरस के चलते मची उथल-पुथल के बीच अंतत: जापान सरकार और अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति (आईओसी) ने टोक्यो ओलम्पिक-2020 को स्थगित करने का फैसला ले लिया है। अब ये खेल अगले साल होंगे। शीर्ष नेतृत्व द्वारा उठाए गए इस ऐतिहासिक कदम का कई भारतीय खिलाड़ियों ने स्वागत किया है और इसे वक्त की जरूरत बताया है।

Switzerland IOC

दूसरे विश्व युद्ध के बाद यह पहली बार है, जब खेलों के महाकुंभ को स्थगित किया गया है। जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे और आईओसी के अध्यक्ष थॉमक बाक खेलों को एक साल के लिए स्थगित करने को राजी हो गए। रियो ओलम्पिक-2016 की रजत पदक विजेता भारत की स्टार महिला बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी. सिंधु ने इस पर खुशी जाहिर की और कहा कि खिलाड़ियों का स्वास्थ सबसे पहले है।

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सिंधु ने आईएएनएस से कहा, “यह अच्छा है। खेलों को स्थगित करने का फैसला अच्छा है, क्योंकि यह वायरस काफी खतरनाक है। पूरा विश्व इसके कारण परेशानी झेल रहा है। यह अच्छा फैसला लिया गया है क्योंकि स्वास्थ काफी अहम है।” वहीं राष्ट्रमंडल खेलों की रजत पदक विजेता महिला निशानेबाज अंजुम मोदगिल ने भी इस पर कहा कि यह जरूरी था।

अंजुम ने आईएएनएस से कहा, “मैं ओलम्पिक समिति के ओलम्पिक को एक साल के लिए स्थगित करने के फैसले से काफी खुश हूं क्योंकि इस समय स्थिति ऐसी है कि कोई भी खिलाड़ी पूरे विश्व में कहीं भी ट्रेनिंग नहीं कर पा रहा है। इसलिए जरूरी है कि हम सावधानी बरतें। यह अच्छी बात है कि ओलम्पिक स्थगित हो गए और अब हमारे पास ट्रेनिंग करने और रणनीति बनाने का पूरा समय है। मुझे उम्मीद है कि आने वाले दिनों में चीजें बेहतर होंगी।”

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ओलम्पिक में भारत की पदक की उम्मीद के तौर पर देखे जा रहे भालाफेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने इस पर कहा कि खिलाड़ियों को इसे सकारात्मक तौर पर लेना चाहिए। नीरज ने एक बयान में कहा, “हम खिलाड़ियों के लिए मौजूदा स्थिति में यह स्वागत करने लायक कदम है। ऐसा नहीं है कि यह हैरानी भर फैसला हो, इसकी उम्मीद की जा रही थी। हम ओलम्पिक की तैयारी में लगे थे लेकिन माहौल मुफीद नहीं थी। मुझे लगता है कि हमें इसे सकारात्मक तौर पर देखना चाहिए क्योंकि इससे हमें अपनी तैयारी करने के लिए एक और साल मिलेगा।”

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मुक्केबाज विकास कृष्णा ने एक बयान में इसे इंसानियत की जीत बताया है। विकास ने कहा, “अंत में खेल पर इंसानियत की जीत हुई, इसलिए मैं इस बात से खुश हूं कि कोरोनावायरस के कारण मौजूदा स्थिति को देखकर ओलम्पिक को स्थगित करने का फैसला लिया गया। हां, इससे खिलाड़ियों की तैयारियों पर असर पड़ेगा, लेकिन मुझे लगता है कि अतिरिक्त समय मिलने से मुझे मेरे सपने को पूरा करने में मदद मिलेगी। सभी खिलाड़ियों को इस समय अपना ध्यान खेलों की तैयारी करने और अपने आप को प्रेरित करने रखना चाहिए।”

आईओसी और टोक्यो ओलम्पिक-2020 की आयोजन समिति ने बाद में एक संयुक्त बयान में कहा कि आईओसी अध्यक्ष थॉमस बाक और आबे खेलों को 2020 के बाद, 2021 ग्रीष्मकाल में पुनर्निर्धारित करने को तैयार हो गए हैं। संयुक्त बयान में कहा गया है कि खेलों को स्थगित करने का फैसला इस समय फैली भयंकर बीमारी कोरोनावायरस के कारण लिया गया है जिसने लोगों के गतिविधियों पर पाबंदियां लगा दी हैं। इस बीमारी से अभी तक पूरे विश्व में 16,500 लोगों का जान जा चुकी है।

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बयान में कहा गया है, “मौजूदा स्थिति में और डब्ल्यूएचओ द्वारा मंगलवार को दी गई जानकारी के आधार पर, आईओसी अध्यक्ष और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे इस नतीजे पर पहुंचे कि टोक्यो ओलम्पिक को 2020 के बाद पुर्ननिर्धारित किया जाए लेकिन 2021 ग्रीष्मकाल के बाद नहीं। ताकि खिलाड़ियों और ओलम्पिक खेलों से जुड़े सभी लोगों के स्वास्थ्य की सुरक्षा की जा सके।”