नई दिल्ली। टोक्यो पैरालंपिक में गौतम बुद्ध नगर के जिलाधिकारी और भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी सुहास एल यथिराज ने सिल्वर मेडल अपने नाम कर लिया है। रविवार को बैडमिंटन के पुरुष सिंगल्स एसएल4 फाइनल में सुहास एल यथिराज को फ्रांस के वर्ल्ड नंबर-1 लुकास मजूर ने 63 मिनट में 15-21, 21-17, 21-15 से हराया। टोक्यो खलों में भारत के पदकों की संख्या अब 18 हो गई है। नोएडा के डीएम सुहास एलवाई ने तोक्यो पैरालंपिक में सिल्वर मेडल जीतकर देश को गौरवान्वित किया तो रिटर्न गिफ्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे बात की और उनको धन्यवाद कहा। पीएम से बातचीत के दौरान सुहास के हावभाव से ऐसा लगा कि उन्हें पीएम मोदी से बात करके उतने ही खुश हैं जितना मेडल जीतने से।
इस पर डीएम सुहास एलवाई की भी प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने कहा दिव्यांग होने के बाद कभी सोचा भी नहीं था कि एक दिन मैं पीएम से बात करुंगा। उन्होंने ये भी कहा कि वो देश के पीएम से बात करके गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। डीएम सुहास ने पीएम को बताया कि वो पहले सोचते थे कि वो दिव्यांग हैं, ऊपर वाले ने उन्हें ऐसा क्यों बनाया। लेकिन भगवान ने उन्हें पीएम मोदी से बात करने का मौका दिया। उन्होंने कहा कि वो ऊपर वाले की कृपा और पीएम मोदी के आशीर्वाद की वजह से ही सिल्वर मेडल जीते हैं।
डीएम सुहास एलवाई ने आगे बताया कि- ”मैं कर्नाटक के छोटे से शहर शिमोगा से हूं। मैं छोटा था, तो कभी बचपन में नहीं सोचा था कि कभी आईएएस बनूंगा और ओलंपिक में मेडल जीतूंगा। लेकिन ऊपर वाले की कृपा रही और आपके आशीर्वाद से मैं यहां तक आया हूं।”
उन्होंने कहा कि- ”मैं पहले सोचता था कि दिव्यांग हूं, ऊपर वाले ने मुझे ऐसा क्यों बना दिया? लेकिन आज भगवान ने मुझे आपसे बात करने का मौका दिया। मैं अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। मैं बहुत खुश हूं कि आपसे बात करने का मौका मिला।”
नोएडा DM का कमाल देख PM ने कही ये बात, सुनिए
उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने उन्हें बधाई दी है। पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा-, “सेवा और खेल का अद्भुत संगम! नोएडा के डीएम सुहास यतिराज ने अपने असाधारण खेल प्रदर्शन की बदौलत हमारे पूरे देश की कल्पना पर कब्जा कर लिया है। बैडमिंटन में रजत पदक जीतने पर उन्हें बधाई। उन्हें उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं।”
A fantastic confluence of service and sports! @dmgbnagar Suhas Yathiraj has captured the imagination of our entire nation thanks to his exceptional sporting performance. Congratulations to him on winning the Silver medal in Badminton. Best wishes to him for his future endeavours. pic.twitter.com/bFM9707VhZ
— Narendra Modi (@narendramodi) September 5, 2021
पहले भी जीत चुके हैं कई खिताब
इससे पहले भी सुहास एलवाई कई खिताब अपने नाम कर चुके हैं। वो दुनिया के नंबर-3 बैडमिंटन प्लेयर हैं। साल 2018 में वाराणसी के पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप में उन्होंने गोल्ड मेडल पर कब्जा जमाया था। वहीं साल 2016 में बीजिंग में हुए एशियाई पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप में सुहास एलवाई इंटरनेशनल बैडमिंटन चैंपियनशिप जीतने वाले पहले भारतीय नौकरशाह भी बने थे। जीत के वक्त सुहास आजमगढ़ में डीएम थे। सुहास एलवाई साल 2007 में आईएएस अफसर बने थे और गौतमबुद्ध नगर के डीएम के रूप में वह करीब 1.5 साल से काम कर रहें हैं।
शुरुआत में IAS नहीं बनना चाहते थे सुहास
कर्नाटक के छोटे से शहर शिगोमा में जन्मे सुहास एलवाई (Suhas LY) जन्म से ही दिव्यांग (पैर में दिक्कत) थे। बचपन से ही उनका खेल के प्रति लगाव ज्यादा था। परिवार का भी उन्हें इसमें सहयोग मिला। पैर पूरी तरह फिट नहीं था, ऐसे में उन्हें समाज के ताने भी सुनने को मिलते थे लेकिन पिता और परिवार चट्टान की तरह उन तानों के सामने खड़े रहे। ऐसे में सुहास का हौंसला नहीं टूटा।
पिता की मौत के शुरू की UPSC की तैयारी
शुरुआती पढ़ाई गांव में हुई तो वहीं सुरतकर शहर से उन्होंने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी से कम्प्यूटर साइंस में सुहास की इंजिनियरिंग पूरी हुई। साल 2005 में जब पिता की मौत हुई तो सुहास टूट गए। सुहास ने बताया कि उनके जीवन में पिता का स्थान काफी महत्वपूर्ण था, ऐसे में उन्हें हमेशा ही पिता की कमी खलती रही। ऐसे में उन्होंने ठान लिया कि अब उन्हें सिविल सर्विस ज्वाइन करनी है। फिर क्या था सब छोड़छाड़ कर उन्होंने UPSC की तैयारी शुरू की।