नई दिल्ली। साल 2021 में टोक्यो में होने वाले ओलंपिक के लिए माना पटेल (Mana Patel) भारतीय महिला तैराक के रूप में क्वालिफाई हो गई हैं, जिसकी पुष्टि फेडरेशन ऑफ इंडिया ने की है। टोक्यो में होने जा रहे ओलंपिक के लिए क्वालिफाई हुई माना पहली महिला और तीसरी भारतीय महिला बन गईं है। बता दें कि माना को यूनिवर्सेलिटी कोटे के प्रवेश मिला है। जिसके चलते 21 साल की उम्र में माना 100 मीटर बैकस्ट्रोक प्रतियोगिता में हिस्सा लेने जा रही हैं।
देश की तीसरी महिला तैराक होंगी माना
टोक्यो में खेले जाने वाले ओलंपिक के लिए क्वालिफाई हुईं माना तीसरी भारतीय महिला तैराक हैं, इनसे पहले श्रीहरि नटराज और साजन प्रकाश को इसे क्वालिफाई कर चुकीं हैं। साजन प्रकाश ने 200 मीटर बटरफ्लाई तो श्रीहरि नटराज ने 100 मीटर बैकस्ट्रोक में क्वालिफिकेशन में ‘ए’ मार्क हासिल किया था। यूनिवर्सेलिटी कोटे के तहत देश का एक पुरुष और एक महिला को ओलिंपिक खेल में भाग लेने का मौका दिया जाता है, लेकिन तब जब देश का कोई खिलाड़ी उस लिंग से तैराकी के लिए क्वालिफाई नहीं हुआ है या फिना की ओर से उसे आमंत्रण न दिया गया हो।
माना के खेल मंत्री ने दी बधाई
वहीं माना के तैराकी के लिए क्वालिफाई होने और खेल के लिए टोक्यो जाने पर खेल मंत्री किरण रिजिजू ने उन्हें बधाई दी है। किरण रिजिजू ने अपने ट्विटर पर ट्वीट करते हुए लिखा- ‘बैकस्ट्रोक तैराक माना पटेल #Tokyo2020 के लिए क्वालिफाई करने वाली पहली महिला और तीसरी भारतीय तैराक बन गई हैं। मैं माना को बधाई देता हूं, जिन्होंने यूनिवर्सलिटी कोटा के जरिए क्वालिफाई किया, बहुत बढ़िया।’
Backstroke swimmer Maana Patel has become the 1st female and 3rd Indian swimmer to qualify for #Tokyo2020. I congratulate Maana, who qualified through Universality Quota. Well done!! pic.twitter.com/LBHup0F7RK
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) July 2, 2021
2019 में लगी थी चोट
बता दें कि साल 2019 में माना को चोट लग थी, जिस वजह से वह खेल का हिस्सा नहीं बन पाईं थी। वहीं अब इस साल उन्होंने फिर से शुरुआत की है और इसके लिए क्वालिफाई भी हो गई हैं। इस पर माना ने Olympic.com से कहा,‘यह शानदार अहसास है। मैंने साथी तैराकों से ओलिंपिक के बारे में सुना है और टेलीविजन पर इन्हें देखा है, लेकिन इस बार वहां होना, दुनिया के सर्वश्रेष्ठ से प्रतिस्पर्धा करने के लिए मैं रोमांचित हूं। महामारी के कारण लगे लॉकडाउन से मुझे चोट से अच्छी तरह से उबरने में मदद मिली। लेकिन बाद में निराशा भी हाथ लगी। मुझे इतने लंबे समय तक पानी से दूर रहने की आदत नहीं है।’