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Artificial Intelligence : एलन मस्क का दावा, 2029 तक इंसान से ज्यादा स्मार्ट हो जाएगा एआई

Artificial Intelligence : अब गूगल, मेटा, अमेजन और माइक्रोसॉफ्ट जैसी बड़ी तकनीकी कंपनियां अपने स्वयं के भाषा मॉडल बनाने और अपने एआई प्लेटफार्मों को रिफाइन करने की दौड़ में हैं।

नई दिल्ली। दुनिया भर में आजकल हर तरफ एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) की चर्चा है। एआई चैटबॉट, चैटजीपीटी के लॉन्च के बाद से एआई की दुनिया में एक नई क्रांति आ गई है। जेनेरिक एआई की शुरुआत के कारण, अब गूगल, मेटा, अमेजन और यहां तक कि माइक्रोसॉफ्ट जैसी बड़ी तकनीकी कंपनियां अपने स्वयं के भाषा मॉडल बनाने और अपने एआई प्लेटफार्मों को रिफाइन करने की दौड़ में हैं। वैसे तो एआई का निर्माण मनुष्यों को अधिक उत्पादक बनाने और उनके श्रम को कम करने के लिए किया गया है, लेकिन एआई की हालिया प्रगति को देखते हुए, स्पेसएक्स के ओनर एलन मस्क ने बड़ा दावा किया है। मस्क का मानना है कि जल्द ही एआई इंसानों से अधिक बुद्धिमान होगा। उनका दावा है कि 2029 के अंत तक AI पूरी मानव जाति की बुद्धिमत्ता को पार कर जाएगा।

आपको जानकारी के लिए बता दें कि मस्क का यह विश्वास पॉडकास्टर जो रोगन और प्रसिद्ध भविष्यवादी रे कुर्जवील के बीच हाल ही में हुई चर्चा के बाद आया है, जहां कुर्जवील ने दावा किया था कि एआई 2029 तक मानव-स्तर की बुद्धिमत्ता हासिल कर लेगा। कुर्जवील विशेष रूप से एआई में प्रौद्योगिकी की तेजी से वृद्धि का विश्लेषण कर रहे हैं। अपने विश्लेषण के आधार पर, उन्होंने भविष्यवाणी की कि मनुष्य तेजी से कम्प्यूटेशनल शक्ति, एल्गोरिथम रिफाइनमेंट और डेटा प्रोसेसिंग क्षमताओं को आगे बढ़ा रहे हैं और इसलिए, उनका मानना है कि ये प्रगति अनिवार्य रूप से एआई सिस्टम को समकक्ष बनाएगी और अंततः मानव बुद्धि से आगे निकल जाएगी। कुर्जवील की भविष्यवाणी पर प्रतिक्रिया देते हुए, मस्क, जो अक्सर एआई द्वारा उत्पन्न संभावित जोखिमों के बारे में मुखर रहे हैं, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एआई मनुष्यों की तुलना में अधिक बुद्धिमान बन सकता है। मस्क ने सुझाव दिया कि एआई न केवल सभी मनुष्यों की सामूहिक बुद्धिमत्ता से मेल खा सकता है बल्कि संभावित रूप से उससे भी अधिक स्मार्ट हो सकता है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक कंप्यूटर, कंप्यूटर-नियंत्रित रोबोट या एक सॉफ्टवेयर को मानव मस्तिष्क की तरह बुद्धिमानी से सोचने वाला बनाने की एक विधि है। एआई को मानव मस्तिष्क के पैटर्न का अध्ययन करके और संज्ञानात्मक प्रक्रिया का विश्लेषण करके पूरा किया जाता है। इन अध्ययनों के परिणाम से बुद्धिमान सॉफ्टवेयर और सिस्टम विकसित होते हैं।