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Railway: रेलवे कोच की सफाई का ये तरीका देख आप भी हो जाएंगे हैरान, रेल मंत्रालय ने शेयर किया है Video

Railway: रेलवे के इस ट्वीट में एक वीडियो देखने को मिल रहा है। ये वीडियो ऑटोमेटिक कोच वाशिंग प्लांट का है जिसमें रेलवे ने ये बताया है कि अब आधुनिक ऑटोमेटिक आधुनिक तरीके से कोच की सफाई की जाएगी। इस तकनीक के सहारे न केवल कोच को धोने की प्रक्रिया में लगने वाले समय बल्कि पानी की भी बचत होगी।

नई दिल्ली। जब भी हमें कहीं दूर की यात्रा करनी होती है तो हम ट्रेन का सफर ज्यादा पसंद करते हैं। आप में से भी ज्यादातर लोग ट्रेन का सफर कर चुके होंगे। ट्रेन का सफर सस्ता तो होता ही है साथ ही काफी आनंददायक होता है। अगर आप भी ट्रेन से सफर करते हैं तो ये खबर आपको खुश कर देगी। दरअसल, रेल मंत्रालय ने एक वीडियो ट्वीट किया है। रेलवे के इस ट्वीट में एक वीडियो देखने को मिल रहा है। ये वीडियो ऑटोमेटिक कोच वाशिंग प्लांट का है जिसमें रेलवे ने ये बताया है कि अब आधुनिक ऑटोमेटिक आधुनिक तरीके से कोच की सफाई की जाएगी। इस तकनीक के सहारे न केवल कोच को धोने की प्रक्रिया में लगने वाले समय बल्कि पानी की भी बचत होगी।

बता दें, ट्वीट में ये बताया है कि रेलवे ने आधुनिक ऑटोमैटिक कोच वॉशिंग प्लांट से रेलवे पानी बचाने और संसाधनों के टिकाऊ इस्तेमाल को बढ़ाने के क्रम में बड़ा काम हो रहा है। इस वीडियो को रेल मंत्रालय के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से शेयर किया गया है। वीडियो में देखा जा सकता है कि ट्रेन के कुछ कोच ऑटोमेटिक वाशिंग प्लांट के बीच से होकर गुजर रहे हैं और पानी और ब्रश के सहारे बड़ी आसानी से साफ किया जा रहा है। ऑटोमेटिक वाशिंग प्लांट से ट्रेन के ऊपर ही नहीं बल्कि ट्रेन के निचले हिस्से पर भी अच्छे से सफाई हो रही है। रेलवे में सबसे पहले इस मानवरहित कोच वाशिंग प्लांट को दक्षिण पूर्व रेलवे (South Eastern Railways) जोन में लगाया गया था जिसके बाद से ही अब इनकी संख्या में बढ़ोतरी की जा रही है।

ऑटोमैटिक कोच वॉशिंग प्लांट की क्या हैं खासियतें

1. ये आधुनिक ऑटोमैटिक कोच वॉशिंग प्लांट से रेल कोच धोने पर 80 फीसदी पानी की बचत होती है जो ट्रेडिशनल तरीकों में लगती है।

2. आधुनिक ऑटोमैटिक कोच वॉशिंग प्लांट से होने वाली सफाई में भी 80 फीसदी पानी रिसाइकल यानी इस्तेमाल किये गये पानी को साफ कर दोबारा प्रयोग किया जाता है।

3. बाकी 20 फीसदी ताजे पानी का इस्तेमाल होता है।

4. इस कोच वॉशिंग प्लांट से ट्रेनों की साफ-सफाई में खर्च होने वाले पानी की बचत तो होगी ही साथ ही कोच को धुलने में लगने वाले समय की भी बचत होगी।

5. वॉशिंग प्लांट से ट्रेन की 24 बोगियां महज 10 से 15 मिनट के अंदर साफ हो जाती है।

6. इस प्लांट की सहायता से रेलवे में ट्रेन की सफाई करने के लिए लगने वाले मैनपॉवर को भी बचाया जा सकेगा।

इन ऑटोमेटिक कोच वाशिंग प्लांट की सबसे खास बात ये है कि ये ट्रेन के टॉयलेट के नीचे वाले हिस्से को जल्दी से और अच्छी तरह से साफ कर देता है। इसके साथ ही ये इसे संक्रमण यानी इन्फेक्शन मुक्त बनाता है। अब रेलवे की इस दिशा में कदम बढ़ा रहा है कि ऑटोमेटिक कोच वॉशिंग प्लांट को देशभर में लगाया जाए जिससे समय और पानी दोनों की बचत हो।