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What is Lift Act in UP : यूपी में लिफ्ट वाली ‘लापरवाही’ अब पड़ेगी भारी, सख्त एक्शन को तैयार योगी सरकार

लिफ्ट और एस्क्लेटर के इस्तेमाल को लेकर जरूरी सावधानी बरतने के मकसद से ये कानून लाया जा रहा है । तो क्या कुछ होगा इस एक्ट में और कैसे इससे बड़ी बड़ी हाउसिंग सोसायटी और कॉमर्शियल बिल्डिंग की लिफ्ट में लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी यही जानेंगे इस वीडियो में नोएडा एक्सटेंशन की आम्रपाली ड्रीम वैली में लिफ्ट में हुए एक एक्सीडेंट में 9 मजदूरों की मौत हो गई थी ।

बीते कुछ समय से नोएडा, लखनऊ समेत यूपी के कई शहरों में लिफ्ट की खराबी के कारण कई गंभीर हादसे हुए हैं । सूबे में ये चिंता का बड़ा सबब बना हुआ था । अभीतक यूपी में लिफ्ट और एस्क्लेटर से होने वाले हादसों के लिए अलग से कोई कानून नहीं था लेकिन अब योगी सरकार विधानसभा में नया कानून पेश करने वाली है । लिफ्ट और एस्क्लेटर के इस्तेमाल को लेकर जरूरी सावधानी बरतने के मकसद से ये कानून लाया जा रहा है । तो क्या कुछ होगा इस एक्ट में और कैसे इससे बड़ी बड़ी हाउसिंग सोसायटी और कॉमर्शियल बिल्डिंग की लिफ्ट में लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी यही जानेंगे इस वीडियो में नोएडा एक्सटेंशन की आम्रपाली ड्रीम वैली में लिफ्ट में हुए एक एक्सीडेंट में 9 मजदूरों की मौत हो गई थी । इसके अलावा बीते साल दिसंबर में काम के बाद घर लौट रहे कुछ आईटी प्रोफेशनल उस वक्त इंजर्ड हो गए थे, जब सेक्टर 125 में एक कमर्शियल बिल्डिंग में लिफ्ट आठवीं मंजिल से नीचे गिर गई थी । इस हादसे के कुछ दिन बाद ही सीएम योगी ने संबंधित अधिकारियों को प्रदेश की तमाम लिफ्टों में सुरक्षा और मेंटेनेंस कराने के दिशानिर्देश दिए थे । प्रदेश के तमाम शीर्ष अधिकारियों के साथ हुई इस बैठक में मुख्यमंत्री ने इसके लिए कानून बनाने का निर्देश भी दिया था । साथ ही लिफ्ट बनाने वाली कंपनियों को भी सभी सुरक्षा मानकों का पालन करने के लिए एहतियाती कदम उठाने को भी कहा था । यूपी में अब पेश होने वाले इस नए विधेयक में नई लिफ्ट और एस्केलेटर लगाने वाली कंपनियों के मालिक के लिए इनका रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा । इसके अलावा पहले से लगी हुई लिफ्ट और एस्केलेटर के लिए भी ये रजिस्ट्रेशन जरूरी होगा । लिफ्ट और एस्केलेटर के निर्माण में भारतीय मानक ब्यूरो या BIS के सभी सेफ्टी स्टैंडर्ड्स का पालन करना जरूरी होगा । इन नियमों का पालन न करने वालों के खिलाफ सजा का प्रावधान भी इस नए विधेयक में किया गया है । मौजूदा वक्त में इसी तरह का कानून देश के 11 राज्यों में पहले से लागू है ।