क्या देशभर के 50% सरकारी स्कूलों का निजीकरण करने के लिए शिक्षा मंत्रालय ने की है सिफारिश? जानिए सच

Viral Check: दरअसल वायरल(Viral News) हो रही खबर में कहा गया है कि “देश के शिक्षा मंत्रालय ने केंद्र सरकार(Modi Government) से सिफारिश की है कि, देश के पचास प्रतिशत सरकारी स्कूलों का निजीकरण किया जाय।

Avatar Written by: November 23, 2020 12:45 pm

नई दिल्ली। सोशल मीडिया ने जिस तरह से लोगों के बीच अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है, उसको देखते हुए अब सच और झूठ में फर्क करना मुश्किल होता जा रहा है। बता दें कि आए दिन सोशल मीडिया पर तमाम तरह की चीजें वायरल होती रहती है, हालांकि उनमें सच्चाई कितनी होती है, इसका पता लगाना सबके लिए आसान नहीं होता है। ऐसे में हम एक ऐसी ही खबर की पड़ताल कर सच आपतक पहुंचा रहे हैं। बता दें कि सोशल मीडिया पर एक खबर वायरल हो रही जिसमें दावा किया जा रहा है कि, “शिक्षा मंत्रालय ने देशभर के 50% सरकारी स्कूलों का निजीकरण करने के लिए केंद्र को सिफारिश भेजी है।” इस खबर पर लोग विश्वास कर सकें, इसके लिए इस खबर को एक अखबार के प्रतिरूप में दिखाया गया है। ऐसे में पड़ताल ना कर पाने वालों के लिए इस खबर को सच मानना आसान है। फिलहाल ये खबर सच है या नहीं, इसको लेकर हम आज आपको असलियत बताते हैं।

Education Shiksha Exam

क्या है दावा

दरअसल वायरल हो रही खबर में कहा गया है कि “देश के शिक्षा मंत्रालय ने केंद्र सरकार से सिफारिश की है कि, देश के पचास प्रतिशत सरकारी स्कूलों का निजीकरण किया जाय। खबर में दावा किया है कि, देश में कोरोना महामारी से बने हालात में आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में केंद्र सरकार ने इससे उबरने के लिए 36 विभागों का निजीकरण कर दिया है। वहीं कैबिनेट की बैठक में शिक्षा मंत्रालय द्वारा 50 प्रतिशत सरकारी स्कूलों का भी निजीकरण करने की सिफारिश की गई है।”

PIB Fact check

खबर में दावा किया गया है कि, “अध्यापकों को दिए जा रहे वेतन से सरकार पर पड़ रहे बोझ को कम करने के लिए ऐसा कदम उठाया जा रहा है।” फिलहाल आपको बता दें कि इस तरह के दावे में कोई सच्चाई नहीं है।

क्या है इस दावे का सच

वायरल हो रही इस खबर को लेकर पीआईबी फैक्ट चेक ने इस दावे को झूठा बताते हुए साफ किया है कि शिक्षा मंत्रालय की तरफ से इस तरह की कोई सिफारिश नहीं की गई है। यह दावा पूरी तरह से गलत है। शिक्षा मंत्रालय द्वारा ऐसी कोई सिफारिश केंद्र सरकार को नहीं भेजी गई है।