नई दिल्ली। दक्षिण कोरिया के मुआन हवाई अड्डे पर रविवार को एक भयानक विमान हादसा हुआ। विमान लैंडिंग के दौरान एक पक्षी से टकरा गया, जिसे बर्ड हिट कहते हैं। इस हादसे के बाद विमान का लैंडिंग गियर फेल हो गया और वह दीवार से टकरा गया, जिससे विमान में भीषण आग लग गई। हादसे में 167 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई।
क्या है बर्ड हिट?
जब कोई पक्षी उड़ान के दौरान किसी विमान से टकराता है, तो इसे बर्ड हिट या बर्ड स्ट्राइक कहा जाता है। पहली बार बर्ड हिट की घटना 1905 में अमेरिका के ओहियो में ओरविल राइट द्वारा दर्ज की गई थी। तब से, दुनियाभर में विमान और पक्षियों की टक्कर की सैकड़ों घटनाएं हो चुकी हैं।
बर्ड हिट के आंकड़े और खतरे
- दुनिया भर में अब तक 250 से अधिक विमानों को बर्ड हिट के कारण गंभीर नुकसान हुआ है।
- 2022 में, अमेरिका में 17,000 से अधिक बर्ड हिट की घटनाएं दर्ज की गईं।
- अधिकांश बर्ड हिट एयरपोर्ट के करीब, लैंडिंग या टेक-ऑफ के दौरान होती हैं। लगभग 90% घटनाएं एयरपोर्ट के आसपास ही होती हैं।
विमान को हो सकता है भारी नुकसान
पक्षियों की टक्कर से विमान को मामूली नुकसान से लेकर भारी नुकसान तक हो सकता है:
- इंजन फेल: पक्षी के इंजन में फंसने से वह बंद हो सकता है या उसमें आग लग सकती है।
- पंखे का क्षतिग्रहण: विमान के पंखे के ब्लेड क्षतिग्रस्त हो सकते हैं, जिससे उड़ान के दौरान खतरा बढ़ जाता है।
- इमरजेंसी लैंडिंग: कई बार विमान को इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ती है, जिससे यात्रियों की जान जोखिम में आ जाती है।
How the hell a with one failed engine (due to bird hit) over ran the runway? Initially it seems the pilots couldn’t handle emergency situation and took incorrect decisions, due to which 179 people lost their lives. pic.twitter.com/hzIjgKg1B2
— Ashish Singh 🇮🇳 (@ashishthakur905) December 29, 2024
क्यों होते हैं बर्ड हिट के मामले?
ज्यादातर बर्ड हिट सूर्योदय और सूर्यास्त के समय होते हैं, जब पक्षी बड़ी संख्या में उड़ान भरते हैं। विमान निर्माता और एयरलाइंस इससे बचने के उपायों पर काम कर रहे हैं, जैसे कि रडार से पक्षियों की निगरानी और टर्बोफैन इंजन का इस्तेमाल। पायलटों को भी बर्ड हिट से सतर्क रहने के लिए विशेष ट्रेनिंग दी जाती है।
बचाव के उपाय
एयरपोर्ट के आसपास पक्षियों की निगरानी बढ़ाई जानी चाहिए। नई तकनीकों का विकास और अधिक टिकाऊ इंजन का उपयोग किया जाना चाहिए। इसके साथ ही पायलटों को बर्ड हिट की आपात स्थितियों से निपटने का गहन प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए।