वॉशिंगटन। कफ सीरप से उजबेकिस्तान में 18 बच्चों की मौत की घटना के बाद अब भारत में बने एक आई ड्रॉप से अमेरिका में 3 लोगों की मौत और 8 लोगों की आंखों की रोशनी जाने की घटना हुई है। अमेरिका में रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के हवाले से न्यूयॉर्क टाइम्स अखबार ने ये खबर दी है। सीडीसी के मुताबिक इस आई ड्रॉप में बैक्टीरिया हो सकता है। जिसकी वजह से मौत तक हुई है। सीडीसी का ये भी कहना है कि अगर ये बैक्टीरिया फैला, तो देश में ऐसी दवा नहीं है कि मरीज का इलाज किया जा सके। चेन्नई स्थित ग्लोबल फार्मा हेल्थकेयर की इस दवा का नाम एज्रीकेयर आर्टिफिशियल टियर्स है।
ग्लोबल फार्मा ने इस साल फरवरी में अमेरिका भेजी जाने वाली इस दवा का प्रोडक्शन बंद कर दिया था। कंपनी ने एज्रीकेयर के बचे सभी लॉट भी वापस ले लिए थे। अमेरिकी एफडीए का मानना है कि दवा में स्यूडोमोनास एरुजिनोसा नाम की बैक्टीरिया हो सकता है। इससे खून बहना, फेफड़ों और घावों में बड़ा संक्रमण हो सकता है। सीडीसी ने एज्रीकेयर आई ड्रॉप का इस्तेमाल करने वालों से तत्काल मेडिकल केयर लेने के लिए कहा है। आई ड्रॉप से हुई मौतों और अंधता के कारण अमेरिकी सरकार के दवा संबंधी विभागों में हड़कंप भी मचने की खबर है।
फिलहाल जानकारी ये भी है कि ग्लोबल फार्मा हेल्थकेयर ने आई ड्रॉप से मौत और अंधता होने की शिकायत के बाद अमेरिका से 50000 वायल वापस भी मंगाए हैं। न्यूयॉर्क की डेलसम फार्मा इस आई ड्रॉप की मार्केटिंग करती है। इससे पहले उजबेकिस्तान ने आरोप लगाया था कि भारत में बने कफ सीरप को पीकर उसके यहां 18 बच्चों की मौत हो गई। उजबेकिस्तान के इस आरोप के बाद केंद्र सरकार ने जांच कराई थी और सीरप में गड़बड़ी मिलने के बाद नोएडा स्थित कंपनी को बंद करा दिया गया था।