काबुल। तालिबान की ओर से लगातार अपने कब्जाए गए क्षेत्र का प्रसार कर रहा है। इसी क्रम में उसने अपने कब्जे से बचे रह गए पंजशीर प्रांत (Panjshir valley) पर जीत हासिल करने के लिए अभियान तेज कर दिया है। तालिबान के लड़ाकों द्वारा अहमद मसूद और अमरुल्ला सालेह को सरेंडर करने या अंजाम भुगतने की चेतावनी दी थी जिसपर अब अहमद मसूद (Ahmad Massoud) का पलटवार आया है। मसूद ने तालिबान को दो-टूक जवाब देते हुए कहा वो अपने अधीन आने वाले इलाकों को तालिबान को नहीं देगा और न ही उसके सामने सरेंडर करेगा।
‘देश में चाहते मिली-जुली सरकार’
एक चैनल से बात करते हुए अहमद मसूद (Ahmad Massoud) ने कहा कि वो देश में एक समग्र यानी मिली जुली सरकार चाहते हैं। जिसमें तालिबान के साथ ही अन्य पक्षों की भी भागीदारी शामिल हो। मसूद ने कहा कि इसके लिए तालिबान को सभी पक्षों के साथ बातचीत करनी होगी। अहमद मसूद ने चेताते हुए कहा कि अगर तालिबान ने बातचीत के प्रस्ताव को ठुकराता है तो फिर उससे हमसे भिड़ने के लिए तैयार रहना चाहिए।
अहमद शाह मसूद के बेटे ने ललकारा
अहमद मसूद (Ahmad Massoud), अहमद शाह मसूद के बेटे हैं। करीब 20 साल पहले अलकायदा और तालिबान ने बम विस्फोट में अहमद शाह मसूद की हत्या कर दी थी। वहीं, पूरे देश पर तालिबान के कब्जे के बाद अब अहमद मसूद के नेतृत्व वाला पंजशीर प्रांत ही उनकी पकड़ से दूर है।
तालिबान के खिलाफ मांगी इन देशों से मदद
मसूद (Ahmad Massoud) ने कहा, ‘मैंने इस सभी देशों से कहा कि हमारी आजादी की इस जंग में वे पहले की तरह एक बार फिर हमारी मदद करें. कुछ कड़वाहटों के बावजूद हमें आप सब देशों पर पूरा भरोसा है. जिस प्रकार वर्ष 1940 में यूरोपीय देश पराजित हालत में थे, वैसी ही आज हमारी स्थिति है. पंजशीर (Panjshir valley)को छोड़कर पूरे अफगानिस्तान (Afghanistan) पर तालिबान का कब्जा हो चुका है. केवल हम ही उनके खिलाफ खड़े हैं. जो लोग उनसे हार चुके हैं, अब वे तालिबान के साथ सहयोग की बातें कर रहे हैं. इसके बावजूद हम नहीं झुकेंगे.’