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Afghanistan: तालिबान का नया फरमान, साल 2000 से 2020 के बीच हाईस्कूल करने वालों की डिग्री बेकार

Afghanistan: अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा जमाने के बाद से तालिबान वहां काफी कुछ बदल दिया है। अफगानिस्तान में अब तालिबानी राज चल रहा है, जिसके तहत अब सजा का दौर भी लौट आया है, वहीं महिला अधिकारों पर भी मानो बैन लग गया है।

नई दिल्ली। अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा जमाने के बाद से तालिबान वहां काफी कुछ बदल दिया है। अफगानिस्तान में अब तालिबानी राज चल रहा है, जिसके तहत अब सजा का दौर भी लौट आया है, वहीं महिला अधिकारों पर भी मानो बैन लग गया है। विश्वविद्यालयों में महिलाओं के क्लास करने पर रोक लगा दी गई है, हर विश्वविद्यालयों में तालिबान सरकार ने नए कुलपति नियुक्त कर दिए हैं। अब तालिबान की सरकार ने एक और ऐलान किया है।

तालिबान सरकार के कार्यवाहक उच्च शिक्षा मंत्री अब्दुल बाकी हक्कानी ने शिक्षा को लेकर एक बड़ा ऐलान कर दिया है। नई तालिबानी सरकार ने देश में साल 2000 से 2020 के बीच हाईस्कूल पास करने वाले लोगों के लिए कहा कि यह किसी काम के नहीं हैं। अफगानिस्तान की मीडिया की माने तो हक्कानी ने काबुल में विश्वविद्यालय के व्याख्याताओं के साथ एक बैठक के दौरान कहा कि पिछले 20 साल में हाईस्कूल से स्नातक तक की पढ़ाई करने वाले किसी काम के नहीं हैं।

अफगानिस्तान मीडिया के मुताबिक कार्यवाहक उच्च शिक्षा मंत्री अब्दुल बाकी हक्कानी ने शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर कहा कि ऐसे शिक्षकों को नियुक्त करना चाहिए जो छात्रों और आने वाली पीढ़ियों में मूल्यों की शिक्षा दे सकते हैं। अफगानिस्तान भविष्य में इनकी प्रतिभा का उपयोग कर सके।बता दें कि साल 2000 से 2020 का दौर अफगानिस्तान के लिए बेहद महत्वपूर्ण और समृद्धि का युग कहा जाता है। जब देश में शिक्षा का स्तर एक अलग ही स्तर पर पहुंच गया था। यह अगानिस्तान का वही दौर था, जब देश में गैर तालिबानी सरकार थी।