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Rabbit Fever: चीन के HMPV वायरस अलर्ट के बीच अमेरिका में दुर्लभ बीमारी ‘रैबिट फीवर’ के मामले बढ़े, वैज्ञानिक और स्वास्थ्य एजेंसियां सतर्क

Rabbit Fever: हालांकि, रैबिट फीवर के मामलों में मृत्यु दर केवल दो प्रतिशत से कम है। लेकिन इलाज न मिलने पर यह बीमारी घातक हो सकती है। सीडीसी ने इसे लेकर सावधानी बरतने और संक्रमित टिक या जानवरों से बचने की सलाह दी है।

नई दिल्ली। अमेरिका में ‘रैबिट फीवर’ के मामलों में तेजी से वृद्धि देखी जा रही है। अमेरिकी रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, पिछले एक दशक में इस दुर्लभ बीमारी के मामलों में काफी इजाफा हुआ है। रैबिट फीवर एक दुर्लभ लेकिन गंभीर संक्रमण है, जो बैक्टीरिया फ्रांसीसेल्ला टुलारेन्सिस के कारण होता है। यह बीमारी आमतौर पर संक्रमित टिक, डियर मक्खियों के काटने और संक्रमित जानवरों जैसे खरगोश और चूहे के संपर्क में आने से फैलती है। यहां तक कि संक्रमित जानवरों के घोंसलों और घास पर मौजूद बैक्टीरिया से भी यह बीमारी हो सकती है।

किन लोगों को है ज्यादा खतरा?

सीडीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, यह संक्रमण ज्यादातर 5 से 9 वर्ष की आयु के बच्चों, 65 से 84 वर्ष के बुजुर्गों और मध्य अमेरिकी राज्यों में रहने वाले लोगों में देखा गया है। रिपोर्ट्स बताती हैं कि रैबिट फीवर का संक्रमण घास काटने से भी हो सकता है। पहली बार ऐसा मामला साल 2000 में मैसाचुसेट्स वाइनयार्ड में सामने आया था। वहां छह महीने तक चले इस प्रकोप में 15 लोग संक्रमित हुए थे, जिनमें से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। इसके बाद 2014-15 में कोलोराडो में भी ऐसा एक मामला दर्ज हुआ।

मृत्यु दर और सावधानियां

हालांकि, रैबिट फीवर के मामलों में मृत्यु दर केवल दो प्रतिशत से कम है। लेकिन इलाज न मिलने पर यह बीमारी घातक हो सकती है। सीडीसी ने इसे लेकर सावधानी बरतने और संक्रमित टिक या जानवरों से बचने की सलाह दी है।

पिछले 10 सालों में 56% वृद्धि

साल 2011 से 2022 के बीच अमेरिका के 47 राज्यों में रैबिट फीवर के कुल 2,462 मामले दर्ज किए गए। रिपोर्ट के अनुसार, इस अवधि में बीमारी के मामलों में 56 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। हालांकि, इसकी दुर्लभता ऐसी है कि औसतन हर दो लाख लोगों में से एक ही इस संक्रमण का शिकार होता है।