ढाका। बांग्लादेश लगातार भारत विरोधी होता जा रहा है। ताजा मामला ये है कि भारत में आतंकवाद की घटनाएं कराने वाली पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का एक प्रतिनिधिमंडल बांग्लादेश के दौरे पर पहुंचा है। आईएसआई के इस दल में चीन में पाकिस्तान के अताशे रहे मेजर जनरल शाहिद अमीर अफसर, ब्रिगेडियर आलम आमिर अवान और ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान जतीफ हैं। इससे पहले बांग्लादेश की सेना के प्रिंसिपल स्टाफ अफसर लेफ्टिनेंट जनरल कमर उल-हसन ने पाकिस्तान का दौरा किया था। इस तरह अब बांग्लादेश की अंतरिम सरकार और वहां की सेना लगातार पाकिस्तान से गलबहियां करती नजर आ रही है।
70 के दशक में पाकिस्तान की सेना ने बांग्लादेश (तब पूर्वी पाकिस्तान) में जमकर जुल्म किए थे। लाखों लोगों की हत्या पाकिस्तान की सेना ने की थी। महिलाओं और बच्चियों से पाकिस्तान के सैनिकों ने रेप किया था। उस वक्त मुक्ति वाहिनी ने भारतीय सेना के साथ मिलकर पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध लड़ा और फिर बांग्लादेश बना। जिस पाकिस्तान ने बांग्लादेश में जुल्म की इंतेहा की, उसी की गोद में अब बांग्लादेश की अंतरिम सरकार बैठ रही है। इससे पहले बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ से गले मिलकर भारत के खिलाफ अपने देश के इरादे जाहिर कर दिए थे।
बांग्लादेश की सरकार की तरफ से ये भी कहा गया है कि अगर भारत ने शेख हसीना का प्रत्यर्पण न किया, तो वो अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मदद मांगेगी। बांग्लादेश की तरफ से पश्चिम बंगाल के मालदा में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बाड़ लगाने का भी विरोध किया जा रहा है। बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद से ही भारत विरोधी तत्व और कट्टरपंथी अपना एजेंडा लागू करा रहे हैं। इसी के तहत बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं, बौद्ध और ईसाइयों पर अत्याचार की घटनाएं हो रही हैं। कुल मिलाकर बांग्लादेश में फिलहाल भारत विरोधी गतिविधियां चरम पर हैं। जबकि, बीते दिनों जब बांग्लादेश में चावल की कमी हो गई थी, तब वहां की अंतरिम सरकार की गुहार पर भारत ने चावल की बड़ी खेप भेजी थी।